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बेटी की शादी में व्यस्त हैं दिल्ली जल बोर्ड के CEO, एनजीटी ने लगा दिया 50 हजार का जुर्माना

दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के सीईओ को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सीईओ व्यक्तिगत रूप से एनजीटी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। उनका कहना था कि वह बेटी की शादी की तैयारियों में व्यस्त हैं। एनजीटी ने उनके जवाब को अस्वीकार करते हुए कहा कि सीईओ का एनजीटी के समक्ष पेश होना उनके कर्तव्य का हिस्सा है।

By Vineet Tripathi Edited By: Sonu Suman Updated: Sun, 08 Sep 2024 07:33 PM (IST)
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एनजीटी ने दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ पर लगाया 50 हजार का जुर्माना।
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। दिल्ली और गाजियाबाद औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले केमिकल के नाले में मिलने के मामले पर व्यक्तिगत तौर पर पेश नहीं होने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) चीफ एक्जिक्यूटिव आफिसर (सीईओ) को आड़े हाथ लिया है। अहम जिम्मेदारियां होने और बेटी की शादी में व्यस्त होने के कारण पेश नहीं होने का जवाब देने पर एनजीटी ने सीईओ पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है।

एनजीटी ने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही 50 हजार रुपये डीजेबी द्वारा जमा किया जाए, लेकिन उक्त धनराशि संबंधित अधिकारी से वसूल की जाए। सीईओ को व्यक्तिगत पेशी से छूट देने से इन्कार करते हुए एनजीटी ने अगली तारीख पेश होने का आदेश दिया।

अहम मुद्दों में व्यस्त होने के कारण पेश नहीं हो सके

न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व पर्यावरण विशेषज्ञ अफरोज अहमद के समक्ष सीइओ की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता रिचा कपूर ने बताया कि सीईओ के पास वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव का भी कार्यभार है और वह अहम मुद्दों में व्यस्त होने के कारण पेश नहीं हो सके।

एनजीटी ने जवाब में कहा कि सीईओ के जवाब से लगता है कि एनजीटी के समक्ष पेश होना उनके कर्तव्य का हिस्सा नहीं है। साथ ही यह भी कहा कि पेश नहीं होने को लेकर दिए गए बेकार कारण को देखते हुए उन्हें व्यक्तिगत पेशी से छूट देने का कोई कारण नहीं है और उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

14 सितंबर के बाद पेशी का मौका देने की मांग

एनजीटी के रुख को देखते हुए रिचा कपूर ने कहा कि संबंधित अधिकारी अपनी बेटी की शादी की तैयारी व्यस्त हैं, जोकि 14 सितंबर को होनी है। यह भी अनुरोध किया कि कोई सख्त आदेश पारित करने के बजाय 14 सितंबर के बाद किसी भी तारीख पर पेश होने के लिए आखिरी मौका दिया जाए।

अधिवक्ता के अनुरोध पर एनजीटी ने कहा कि सीईओ को व्यक्तिगत पेशी से छूट देने का कोई कारण नहीं है और उनके आचरण की निंदा करते हैं। एनजीटी ने कहा कि हालांकि अधिवक्ता के अनुरोध को देखते हुए सीईओ पर 50 हजार का जुर्माना लगाया जाता है।

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