Delhi Riot Case: दंगे में हत्या के मामले में सात पर आरोप तय, पांच आरोप मुक्त; जाफराबाद इलाके में हुई थी हत्या
दिल्ली दंगे के दौरान जाफराबाद थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने सात लोगों पर आरोप तय करने का आदेश कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट ने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया यह मानने का पर्याप्त आधार है कि सातों आरोपितों ने अपराध किया। वहीं कोर्ट ने इस मामले में पांच आरोपितों को आरोप मुक्त कर दिया।
By Ashish GuptaEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Thu, 24 Aug 2023 12:07 AM (IST)
पूर्वी दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगे के दौरान जाफराबाद थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने सात लोगों पर आरोप तय करने का आदेश कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट ने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया यह मानने का पर्याप्त आधार है कि सातों आरोपितों ने अपराध किया।
वहीं, कोर्ट ने इस मामले में पांच आरोपितों यह कहते हुए आरोप मुक्त कर दिया कि इनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं। इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
24 फरवरी की वो दर्दनाक रात
जाफराबाद थाना क्षेत्र में ब्रह्मपुरी मेन रोड गली नंबर-एक में एक बैंक के सामने 24 फरवरी 2020 को रात 10:30 बजे घोंडा अरविंद नगर निवासी विनोद कुमार की हत्या कर दी गई थी। वह बेटे नितिन के साथ ब्रह्मपुरी मेन रोड स्थित एक दुकान से दवा लेने के लिए मोटरसाइकिल पर जा रहे थे।वह मोटरसाइकिल पर पीछे बैठे हुए थे। रास्ते में दंगाइयों ने उन पर हमला कर दिया था। मोटरसाइकिल को भी आग लगा दी थी। इस घटना में उनके बेटे को भी चोट आई थी। आरोप था कि दंगाई भीड़ धार्मिक नारेबाजी कर रही थी। इस मामले में 12 लोगों को आरोपित बनाया गया था।
ऐसे हुई थी हत्या
आरोपों के बिंदुओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पाया कि आरोप पत्र की सामग्री गवाहों के बयानों द्वारा उचित रूप से समर्थित है। गवाहों के बयानों से पता चलता है कि मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले आरोपित धार्मिक नारे लगा रहे थे और दूसरे समुदाय के लोगों पर हमला किया। इसी दौरान पीछा कर विनोद कुमार की हत्या कर दी गई।यह कहने के साथ इस मामले में कोर्ट ने आरोपित अरशद उर्फ सोनू, रईस अहमद, मोहम्मद सगीर, मेहताब, गुलजार, मोहम्मद इमरान और अमीरूद्दीन मलिक के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, समुदायों के बीच द्वेष पैदा करने, गैर कानूनी समूह बनाने समेत कई धाराओं में आरोप तय किए हैं। इसी मामले में कोर्ट ने नावेद खान, जावेद खान, चांद बाबू, अलीम सैफी और साबिर अली को साक्ष्यों के अभाव में आरोप मुक्त कर दिया है।
रिपोर्ट इनपुट- आशीष गुप्ता
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।