NewsClick Row: न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ पर UAPA की धाराओं में आरोप पत्र दायर
चीनी फंडिंग के आरोप में समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के संस्थापक व प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शनिवार को आरोप पत्र दायर कर दिया है। चूकि न्यूजक्लिक में एचआर हेड रहे अमित चक्रवर्ती सरकारी गवाह बने हैं इसलिए उसे आरोपित नहीं बनाया गया है। करीब 8000 पेज के दस्तावेज में एक हजार पेज का आरोप पत्र है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। चीनी कंपनियों से करोड़ों रुपये लेकर चीन के पक्ष में भारत सरकार के खिलाफ प्रायोजित खबरें चलाने के आरोप मामले में समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के संस्थापक व प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शनिवार को आरोप पत्र दायर कर दिया है।
पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर की अदालत में स्पेशल सेल ने गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम की धारा 13, 16 , 17, 18 और 22 के अलावा 153 ए यानी दो समुदायों में द्वेष फैलाने और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में आरोप पत्र दायर किया है।
अमित चक्रवर्ती बना सरकारी गवाह
प्रबीर के साथ ही गिरफ्तार किए गए न्यूजक्लिक में एचआर हेड रहे अमित चक्रवर्ती को स्पेशल सेल ने केस का सरकारी गवाह बना लिया है इसलिए उसे आरोपित नहीं बनाया गया। करीब 8000 पेज के दस्तावेज में एक हजार पेज का आरोप पत्र है। जिन धाराओं में आरोप पत्र दायर किया गया है उसमें उम्रकैद तक की सजा का प्रविधान है।स्पेशल सेल का दावा है कि आरोपित के खिलाफ मजबूत तथ्यों के आधार पर आरोप पत्र दायर किया है जिस आधार पर कोर्ट में मजबूत पैरवी करने और आरोपित को अधिकतम सजा दिलाने में कामयाब रहेगी। यह एक ऐसा मामला है जो केंद्र सरकार के लिए चुनौती है इसलिए दिल्ली पुलिस ऊपर के आदेश अनुसार ही कोई कदम उठा रही है।
गहन जांच करने में लगे छह महीने
जब आरोपित जेल में बंद हो तो तीन माह के अंदर आरोप पत्र दायर करने का प्रविधान है। लेकिन इस मामले में पुलिस को गहन जांच करने में छह माह लग गए। इसके बाद आरोप पत्र दायर किया गया है। सेल कोर्ट में यूएपीए को साबित करने में कामयाब हो पाएगी की नहीं यह चुनौती रहेगी। दिल्ली का तय पहला मामला है जिसमें दिल्ली पुलिस कुछ भी जानकारी देने से बच रही है। इस मामले की जांच पहले विशेष आयुक्त स्पेशल सेल एचजीएस धालीवाल के नेतृत्व में हुई। उनका तबादला कर देने से जांच में वक्त लगा।वरिष्ठ पत्रकारों को बनाया जा सकता है आरोपी
इस मामले में आगे कई आरोप पत्र दायर होने की बात बताई जा रही है जिनमें देश से बाहर रह रहे कुछ भारतीय , कुछ विदेशी नागरिक समेत देश में ही रह रहे वरिष्ठ पत्रकारों को आरोपित बनाया जा सकता है। इस केस की अभी लंबे समय तक जांच होगी।
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