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NewsClick Row: न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ पर UAPA की धाराओं में आरोप पत्र दायर

चीनी फंडिंग के आरोप में समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के संस्थापक व प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शनिवार को आरोप पत्र दायर कर दिया है। चूकि न्यूजक्लिक में एचआर हेड रहे अमित चक्रवर्ती सरकारी गवाह बने हैं इसलिए उसे आरोपित नहीं बनाया गया है। करीब 8000 पेज के दस्तावेज में एक हजार पेज का आरोप पत्र है।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Updated: Sat, 30 Mar 2024 06:59 PM (IST)
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न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ पर UAPA की धाराओं में आरोप पत्र दायर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। चीनी कंपनियों से करोड़ों रुपये लेकर चीन के पक्ष में भारत सरकार के खिलाफ प्रायोजित खबरें चलाने के आरोप मामले में समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के संस्थापक व प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शनिवार को आरोप पत्र दायर कर दिया है। 

पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर की अदालत में स्पेशल सेल ने गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम की धारा 13, 16 , 17, 18 और 22 के अलावा 153 ए यानी दो समुदायों में द्वेष फैलाने और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में आरोप पत्र दायर किया है। 

अमित चक्रवर्ती बना सरकारी गवाह

प्रबीर के साथ ही गिरफ्तार किए गए न्यूजक्लिक में एचआर हेड रहे अमित चक्रवर्ती को स्पेशल सेल ने केस का सरकारी गवाह बना लिया है इसलिए उसे आरोपित नहीं बनाया गया। करीब 8000 पेज के दस्तावेज में एक हजार पेज का आरोप पत्र है। जिन धाराओं में आरोप पत्र दायर किया गया है उसमें उम्रकैद तक की सजा का प्रविधान है। 

स्पेशल सेल का दावा है कि आरोपित के खिलाफ मजबूत तथ्यों के आधार पर आरोप पत्र दायर किया है जिस आधार पर कोर्ट में मजबूत पैरवी करने और आरोपित को अधिकतम सजा दिलाने में कामयाब रहेगी। यह एक ऐसा मामला है जो केंद्र सरकार के लिए चुनौती है इसलिए दिल्ली पुलिस ऊपर के आदेश अनुसार ही कोई कदम उठा रही है। 

गहन जांच करने में लगे छह महीने

जब आरोपित जेल में बंद हो तो तीन माह के अंदर आरोप पत्र दायर करने का प्रविधान है। लेकिन इस मामले में पुलिस को गहन जांच करने में छह माह लग गए। इसके बाद आरोप पत्र दायर किया गया है। सेल कोर्ट में यूएपीए को साबित करने में कामयाब हो पाएगी की नहीं यह चुनौती रहेगी। दिल्ली का तय पहला मामला है जिसमें दिल्ली पुलिस कुछ भी जानकारी देने से बच रही है। इस मामले की जांच पहले विशेष आयुक्त स्पेशल सेल एचजीएस धालीवाल के नेतृत्व में हुई। उनका तबादला कर देने से जांच में वक्त लगा।

वरिष्ठ पत्रकारों को बनाया जा सकता है आरोपी

इस मामले में आगे कई आरोप पत्र दायर होने की बात बताई जा रही है जिनमें देश से बाहर रह रहे कुछ भारतीय , कुछ विदेशी नागरिक समेत देश में ही रह रहे वरिष्ठ पत्रकारों को आरोपित बनाया जा सकता है। इस केस की अभी लंबे समय तक जांच होगी।

चीनी कंपनियों द्वार अवैध फंडिंग का आरोप

बीते अक्टूबर में स्पेशल सेल ने प्रबीर पुरकायस्थ व न्यजक्लिक के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार करने के बाद स्पेशल सेल ने पोर्टल से जुड़े वर्तमान और पूर्व पत्रकारों समेत एचआर कर्मियोें से कई बार पूछताछ की थी। गौतम नवलखा से भी सेल ने मुंबई स्थित उनके आवास पर जाकर दो दिनों तक पूछताछ की थी। जांच में चीनी कंपनियों के पांच छह नागरिकों द्वारा अवैध फंडिंग कर भारत में न्यूजक्लिक के जरिए चीन के पक्ष में प्रायोजित खबरें चलवाने का पता चला है। 

गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत जांच

अमित चक्रवर्ती को पुलिस ने इसलिए सरकारी गवाह बनाया ताकि उनसे विदेश से मिलने वाले सभी तरह के वित्तीय लेनदेन व कंपनी की पॉलिसी आदि के बारे में जानकारी मिल सके। इस मामले में पहले ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत मामले की जांच शुरू की थी फिर स्पेशल सेल ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तारियां कीं। सीबीआइ विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप में समाचार पोर्टल और उसके निदेशक सहित अन्य के खिलाफ जांच कर रही है।

कई वर्षों से चीन से पैसे लेने का आरोप

न्यूजक्लिक पर चीनी कंपनियों से अवैध तरीके से पैसे लेने का आरोप है। कंपनी ने बिना लाइसेंस के चीनी कंपनियों से करोड़ों रुपये लिए जो फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का उल्लंघन है। किसी भी भारतीय कंपनी को विदेश से फंड लेने के लिए पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से लाइसेंस लेना होता है, जिसके लिए विस्तृत गाइडलाइन है। न्यूजक्लिक पर केंद्र सरकार से बिना लाइसेंस लिए कई वर्षों से चीन से पैसे लेने का आरोप है। 

पुलिस ने कुल 37 लोगों को हिरासत में लिया

स्पेशल सेल ने तीन अक्टूबर को न्यूजक्लिक के सैदुलाजाब स्थित कार्यालय समेत कंपनी से जुड़े पत्रकारों व अन्य के दिल्ली-एनसीआर समेत पांच शहरों में 100 से अधिक ठिकानों पर 11 घंटे तक छापेमारी की थी। उक्त जगहों से पुलिस ने कुल 37 लोगों को हिरासत में लिया था। बाद में प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर बाकी को छोड़ दिया गया था।

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