Chhath Puja 2022: जमींदार रहते गरीबों से करवाई थी छठ पूजा, 40 साल से खुद व्रत रख रहीं 75 साल की शैल देवी
Chhath Puja 2022 सीमापुरी में रहने वाली 75 वर्षीय शैल देवी बुढ़ापे में व्रत रख रही हैं। जमींदार रहते गरीबों से छठ पूजा करवाई थी खुद 40 साल से व्रत रख रही हैं। वह उम्र अधिक होने की वजह से कई चीजें भूल जाती हैं लेकिन व्रत रखना नहीं भूलती।
By SHUZAUDDIN SHUZAUDDINEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Sat, 29 Oct 2022 09:01 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 60 की उम्र पार करते ही इंसान के शरीर की ताकत जवाब देने लगती है। छठ के जैसा कठोर व्रत रखना हर किसी के बस की बात नहीं है, जिसमें 36 घंटे निर्जला उपवास करना पड़ता है। कहते हैं न भगवान की आस्था के आगे सब कुछ फीका है। सीमापुरी में रहने वाली 75 वर्षीय बुजुर्ग शैल देवी 40 वर्ष से लगातार व्रत रखकर इसी आस्था की बुनियाद को मजबूत कर रही हैं।
व्रत का सारा खर्च उठाते थे जमींदार
छठ को लेकर उनमें युवाओं से कहीं ज्यादा उत्साह है। वे बिहार के मधुबनी में रहने वाले एक जमींदार परिवार में पैदा हुईं। जमींदार होने की वजह से उनके परिवार का कोई सदस्य खुद व्रत नहीं रखता था। आसपास रहने वाले गरीबों से व्रत रखवाया जाता था। उनके व्रत का सारा खर्च जमींदार उठाते थे।
बुढ़ापा आने के बाद भी नहीं छोड़ा व्रत रखना
शैल देवी ने बताया कि शादी के बाद बेटा पैदा होने के बाद से उन्होंने व्रत रखना शुरू किया। पहला व्रत 35 वर्ष की उम्र में रखा था। उसके बाद छठी मैया ने ऐसा प्यार दिया कि बुढ़ापा आने के बाद भी व्रत रखना नहीं छोड़ा। उनके लिए व्रत अटूट विश्वास बन गया है कि मैया ही उनके जीवन को सफल बनाएंगी। उम्र अधिक होने की वजह से वे कुछ चीजों को भूल जाती हैं, लेकिन छठ का व्रत भूल जाएं ऐसा कभी नहीं हुआ।दुख हो चाहे बीमारी, किसी भी स्थिति में उन्होंने व्रत रखना नहीं छोड़ा, क्योंकि इससे उन्हें ताकत मिलती है। व्रत रखने से मन की शुद्धि हो जाती है। जिन लोगों की यह सोच है कि व्रत रखने से कुछ नहीं होता तो यह उनकी नादानी है। छठी मैया की कृपा भी उन्हीं पर बरसती है जिनमें भगवान के प्रति श्रद्धा होती है। जब तक उनमें सांस है, तब तक वे इस व्रत को रखेंगी।ये भी पढ़ें-
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