'डॉक्टरों को कभी भी किसी लालच और दबाव में नहीं आना चाहिए', AIIMS में बोले CJI डीवाई चंद्रचूड़
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ गुरुवार को एम्स पहुंचे। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में एम्स जैसा इंस्टीट्यूट दूसरा नहीं है। यहां पढ़ने वाले प्रत्येक छात्र को जीवन में सफलता जरूर मिलती है। जब कोई छात्र मेडिकल की पढ़ाई करता है तो उसको काफी मेहनत करनी पड़ती है। इसके बाद वह एक अच्छा डॉक्टर बनता है।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने कहा कि डॉक्टरों को बिना किसी के दबाव में आकर मरीजों के उपचार पर ध्यान देना चाहिए। डॉक्टर ही भगवान का दूसरा रूप होते है। वह एम्स स्थित जेएलएन आडिटोरियम के सभागार में आरडीएसीओएन कार्यक्रम में बोल रहे थे।
एम्स स्थित जेएलएन ऑडिटोरियम के सभागार में आरडीएसीओएन कार्यक्रम का सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में एम्स जैसा इंस्टीट्यूट दूसरा नहीं है। यहां पढ़ने वाले प्रत्येक छात्र को जीवन में सफलता जरूर मिलती है। जब कोई छात्र मेडिकल की पढ़ाई करता है तो उसको काफी मेहनत करनी पड़ती है। इसके बाद वह एक अच्छा डॉक्टर बनता है।
लालच व दबाव में नहीं आना चाहिए: चंद्रचूड़
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को कभी भी किसी लालच व दबाव में नहीं आना चाहिए, क्योंकि डॉक्टर पर मरीजों को बचाने की जिम्मेदारी होती है। डॉक्टर यदि लालच व दबाव में आ जाएगा तो वह मरीजों की जान नहीं बचा सकता। एम्स के डॉक्टर अच्छा कार्य करते है और एम्स में आने वाले मरीजों को डाक्टर से काफी उम्मीद रहती है। यहां के डाक्टर मरीजों के प्रति काफी गंभीर रहते है।एम्स से अच्छा डॉक्टर कहीं नहीं: चंद्रचूड़
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि एम्स से अच्छा डॉक्टर कहीं नहीं है। जब किसी मरीज को गंभीर बीमारी होती है तो उसका उपचार करने के लिए डॉक्टर को कठिन निर्णय लेना पड़ता है। एम्स में सबसे पहले वह अपने स्वजन का उपचार कराने के लिए आए थे और उसके बाद यहां घूमने के लिए आते थे। एम्स में आकर काफी अच्छा लगता है। इस मौके पर डायरेक्टर डॉक्टर एम श्रीनिवास, डॉक्टर विनय, डॉक्टर रीमा आदि मौजूद रहे।
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