Climate Change और Global Warming के भयानक प्रभाव, ठंड में भी पड़ रही गर्मी और सिकुड़ रहा वसंत; 54 साल में मौसम खूब बदला
जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) का असर अब ऋतु चक्र पर भी पड़ने लगा है। क्लाइमेट सेंट्रल के एक नए विश्लेषण से देश में सर्दियों के तापमान में चिंताजनक प्रवृत्ति सामने आई है। जहां एक ओर पूरे देश में सर्दियां पहले से गर्म हो रही हैं वहीं तापमान बढ़ने की दर में क्षेत्र और महीने के स्तर पर एक जैसी प्रवृत्ति दिखाई नहीं देती।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) का असर अब ऋतु चक्र पर भी पड़ने लगा है। क्लाइमेट सेंट्रल के एक नए विश्लेषण से देश में सर्दियों के तापमान में चिंताजनक प्रवृत्ति सामने आई है। जहां एक ओर पूरे देश में सर्दियां पहले से गर्म हो रही हैं, वहीं तापमान बढ़ने की दर में क्षेत्र और महीने के स्तर पर एक जैसी प्रवृत्ति दिखाई नहीं देती।
इसी कारण उत्तर भारत में वसंत ऋतु के दिनों के घटने का संकेत मिलता है। इसके पीछे वसंत ऋतु की अवधि फरवरी-अप्रैल के बीच तापमान में सामान्य से ज्यादा बढ़ोत्तरी होना है।
सर्दियों में गर्मी का अनुभव
यह अध्ययन देश में सर्दियों के मौसम में असमान तापमान वृद्धि के रुझान को उजागर करता है। कुछ क्षेत्रों में सर्दियों में गर्मी का अनुभव होता है जबकि अन्य में एक विपरीत पैटर्न दिखाई देता है। फरवरी के तापमान में तेजी से वृद्धि, विशेष रूप से उत्तर में, वसंत ऋतु को प्रभावी ढंग से संकुचित कर देती है। इससे पारिस्थितिक तंत्र और पारंपरिक मौसम पैटर्न पर भी दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।ग्लोबल वार्मिंग का भारत पर प्रभाव
यह अध्ययन साल 1970-2023 की अवधि पर केंद्रित है। इसमें पाया गया कि ग्लोबल वार्मिंग (जो मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधन जलाने से बढ़ते कार्बन डाईऑक्साइड धुएं से बढ़ रही है) ने भारत के सर्दियों के मौसम (दिसंबर-फरवरी) को काफी प्रभावित किया है। विश्लेषण किए गए प्रत्येक क्षेत्र में 1970 के बाद से सर्दियों के तापमान में वृद्धि देखी गई।
फरवरी में नाटकीय बदलाव
फरवरी में मौसम का पैटर्न नाटकीय रूप से बदला है। फरवरी में सभी क्षेत्रों में गर्मी का अनुभव हुआ, लेकिन विशेष रूप से उत्तर में अधिक था, जहां दिसंबर और जनवरी में न के बराबर ठंडक देखी गई।फरवरी में जम्मू और कश्मीर में सबसे अधिक तापमान बढ़ोत्तरी 3.1 डिग्री दर्ज की गई। तेलंगाना में सबसे कम 0.4° डिग्री तापमान वृद्घि दर्ज की गई। फरवरी के तापमान में इस वृद्धि से यह अहसास होता है कि भारत के कई हिस्सों में वसंत सिमट रहा है।
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