Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

बारिश कम और औसत तापमान भी बढ़ा, इस बार सूखे जैसा रहा अगस्त; मौसम विज्ञानियों ने बताई बदलते मौसम की बड़ी वजह

Rainfall in August देश में ही नहीं दिल्ली में भी इस बार अगस्त के मौसम ने कई उतार चढ़ाव देखे। सावन का महीना सूखा-सूखा सा गया तो तापमान एक दशक में सबसे ज्यादा रहा। बारिश सामान्य स्तर तक भी नहीं पहुंच पाई। मौसम विज्ञानी इसके लिए सीधे तौर पर अलनीनो वर्ष और जलवायु परिवर्तन को ही बड़ा कारण मान रहे हैं।

By sanjeev GuptaEdited By: GeetarjunUpdated: Fri, 01 Sep 2023 12:59 AM (IST)
Hero Image
अगस्त में बारिश कम और औसत तापमान भी बढ़ा, इस बार सूखे जैसा रहा माहौल।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। देश में ही नहीं, दिल्ली में भी इस बार अगस्त के मौसम ने कई उतार चढ़ाव देखे। सावन का महीना सूखा-सूखा सा गया तो तापमान एक दशक में सबसे ज्यादा रहा। बारिश सामान्य स्तर तक भी नहीं पहुंच पाई। मौसम विज्ञानी इसके लिए सीधे तौर पर अलनीनो वर्ष और जलवायु परिवर्तन को ही बड़ा कारण मान रहे हैं।

जून से सितंबर तक मानसून के चार महीनों में जुलाई और अगस्त सर्वाधिक बरसात वाले माह होते हैं, लेकिन इस बार यह मिथक टूट गया। कहने को अब तक हुई कुल वर्षा 774 मिमी के वार्षिक कोटे को पार कर चुकी है, लेकिन अगस्त में सामान्य वर्षा भी नहीं हुई। अगस्त में 233.1 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 91.8 मिमी यानी केवल 61 प्रतिशत कम वर्षा हुई।

सिर्फ दस दिन बरसे बदरा

बादल भी पूरे महीने में महज 10 दिन ही बरसे। वर्ष 2022 में इससे भी कम 41.6 मिमी यानी 82 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी। अगस्त 2006 में 98.0 मिमी वर्षा हुई थी। 2021 में 214.5 मिमी, 2020 में 237 मिमी और 2019 में 119.6 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।

दिल्ली में कहां कितनी बारिश हुई?

पालम और लोधी रोड पर भी कम ही बरसात दर्ज की गई। पालम में 214.2 मिमी के मुकाबले 102.0 मिमी यानी 52 प्रतिशत कम, लोधी रोड पर 233.1 मिमी के मुकाबले 47.2 मिमी यानी 80 प्रतिशत कम, रिज क्षेत्र में 190.2 मिमी के मुकाबले 76.1 मिमी यानी 60 प्रतिशित कम और आया नगर में 188.4 मिमी के मुकाबले 138.2 मिमी यानी 27 प्रतिशत कम वर्षा रिकॉर्ड हुई।

2014 के बाद से सर्वाधिक दर्ज किया गया औसत तापमान

काफी कम बरसात होने और अगस्त के काफी सूखा रहने के चलते इस माह उमस और तापमान में भी इजाफा हुआ। माह का औसत अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो 2014 के बाद सर्वाधिक है। यानी 10 साल में यह अगस्त सबसे ज्यादा गर्म रहा है। अगस्त 2014 में इस माह का औसत तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस रहा था। अन्य सभी वर्षों में यह इससे कर्म दर्ज हुआ था।

क्यों अगस्त में कम हुई बारिश?

स्काईमेट के अनुसार, आमतौर पर अगस्त के महीने में मानसून ट्रफ राजधानी के करीब होती है। लिहाजा, इस महीने में सबसे अच्छी बरसात होती है, लेकिन इस बार मानसून ट्रफ अपनी सामान्य स्थिति से अधिकांश समय उत्तर की ओर रही और तलहटी की ओर खिंच गई। इसके अलावा खाड़ी में कोई मानसून सिस्टम भी नहीं बना, जो दिल्ली और आसपास के इलाकों तक पहुंच सकें। न ही कोई वेस्टर्न डिस्टरबेंस इस महीने सक्रिय हुआ।

जलवायु सबसे बड़ा कारण

स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में मौसम और मानसून का ऐसा ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। स्थिति यह हो गई है कि मौसम चक्र भी बदलने लगा है।

बृहस्पतिवार को खिली रही धूप, सामान्य से ऊपर रहा पारा

बृहस्पतिवार को दिन भर खिली रही धूप के बीच राजधानी का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 36.8 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 25.9 डिग्री अधिक रिकार्ड किया गया।हवा में नमी का स्तर 88 से 51 प्रतिशत रहा।

मौसम विभाग की मानें तो शुक्रवार को भी कमोबेश ऐसा ही मौसम बना रहेगा। आसमान साफ रहेगा जबकि अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 37 व 27 डिग्री सेल्सियस रह सकता है।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें