Delhi Jal Board Case: पूछताछ के लिए ED के सामने आज पेश नहीं होंगे सीएम अरविंद केजरीवाल, समन को बताया गैरकानूनी
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आज ईडी के सामने फिर पेश नहीं होंगे। पार्टी ने ईडी के समन को अवैध बताया है। पार्टी का कहना है कि बीजेपी सीएम को जबरन किसी-न-किसी मामले में जेल में डालने पर तुली है। बता दें सीएम केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड मामले में प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत समन जारी किया था।
एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आज ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। पार्टी ने कहा कि जब कोर्ट से सीएम को जमानत मिली है तो ED बार-बार समन क्यों भेज रही है? उन्होंने ईडी के समन को अवैध बताया। बता दें, सीएम केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड मामले में प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत 18 मार्च को पूछताछ के लिए समन जारी किया था।
Delhi CM and AAP National Convenor Arvind Kejriwal will not appear before ED today. When there is bail from the court, why is ED sending summons again and again? ED summons are illegal: AAP
He was issued summons by ED under section 50 of the Prevention of Money Laundering Act in…
— ANI (@ANI) March 18, 2024
बता दें, ईडी ने रविवार को उन्हें दो समन भेजे थे। इसमें दिल्ली जल बोर्ड मामले में पूछताछ के लिए 18 मार्च जबकि दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए 21 मार्च को बुलाया। इससे पहले केजरीवाल को 21 नवंबर 2023, 3 जनवरी, 18 जनवरी, 2 फरवरी, 19 फरवरी, 26 फरवरी और 4 मार्च को समन जारी किया चुका है। वहीं ईडी के समन उल्लंघन मामले में केजरीवाल को कोर्ट से जमानत मिली हुई है।
ईडी के पीछे छिपकर चुनाव लड़ने का आरोप
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी वाले सीएम केजरीवाल को जबरन किसी न किसी मामले में जेल में डालने में तुले हुए हैं। वह कोई न कोई बहाना लेकर चले आते हैं। बीजेपी ईडी के पीछे छिपकर चुनाव लड़ना चाहती है।क्या है दिल्ली जल बोर्ड का मामला
ईडी ने दावा किया है कि डीजेबी द्वारा अनुबंध में भ्रष्टाचार के माध्यम से प्राप्त धन को कथित तौर पर दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी आप को चुनावी फंड के रूप में भेजा गया था। फरवरी में ईडी ने इस जांच के तहत केजरीवाल के निजी सहायक, आप के एक राज्यसभा सदस्य, एक पूर्व डीजेबी सदस्य, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य के आवासों पर छापेमारी की थी।
जानकारों का कहना है कि ईडी का मामला सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है, जिसमें डीजेबी अनुबंध में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी से 38 करोड़ रुपये की राशि लिए जाने की बात कही गई है। आरोप है कि कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती है फिर भी इसे अनियमितता कर काम दिया गया।
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