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उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज, सनातन धर्म का अपमान करने का मामला

दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में रहने वाली एक महिला ने तमिलनाडु सरकार में खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म के अपमान के मामले में दिल्ली पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही दक्षिणी जिले की पुलिस उपायुक्त को स्टालिन द्वारा सनातन धर्म के लोगों की धार्मिक भावना को आहत करने और अपमान करने की लिखित शिकायत भी ई-मेल करके दी है।

By Rajneesh kumar pandeyEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 04 Sep 2023 11:51 PM (IST)
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तमिलनाडु सरकार में खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में रहने वाली एक महिला ने तमिलनाडु सरकार में खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म के अपमान के मामले में दिल्ली पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही दक्षिणी जिले की पुलिस उपायुक्त को स्टालिन द्वारा सनातन धर्म के लोगों की धार्मिक भावना को आहत करने और अपमान करने की लिखित शिकायत भी ई-मेल करके दी है।

बता दें कि उदयनिधि स्टालिन ने तमिलनाडु के चेन्नई में आयोजित एक सभा में सनातन धर्म पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद देश भर के लोगों द्वारा उनके इस बयान पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दी जा रही है।

शिकायत में क्या लगाया आरोप

इसी कड़ी में मालवीय नगर की अमिता सचदेवा ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस उपायुक्त को दी गई शिकायत के अनुसार, तमिलनाडु सरकार में खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन जोकि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे हैं, उन्होंने शनिवार यानी दो सितंबर को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स आर्टिस्ट एसोसिएशन द्वारा सनातन के उन्मूलन विषय पर चेन्नई में आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सनातन धर्म के खिलाफ अपमानजनक बयान दिया।

उन्होंने अपने भाषण में कहा "कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता है, उन्हें समाप्त ही किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे खत्म करना है, यही हमने किया है। सनातन को मिटाना है। सनातन का विरोध करने के बजाय उसे मिटाना चाहिए।"

और क्या कहा शिकायतकर्ता ने?

शिकायतकर्ता के अनुसार, एक हिंदू और सनातन धर्म की अनुयायी होने के नाते उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को खत्म करने और सनातन की तुलना मच्छरों, डेंगू, कोरोना और मलेरिया से करने के बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

एक धर्मनिरपेक्ष देश के राजनीतिक नेता होने के नाते उन्होंने जान-बूझकर सनातन धर्म का अपमान किया है जोकि भारत के संविधान के खिलाफ है। इसके साथ ही उन्होंने एक ट्वीट भी पोस्ट किया कि अपमानजनक टिप्पणी करके उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और वह कानूनी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।

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