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Aravali Illegal Mining: अरावली पर्वतमाला में 2009 से खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध, फिर भी नहीं मान रहे माफिया

Aravali Illegal Mining फारेस्ट सर्वे आफ इंडिया के सेटेलाइट सर्वे में भी गुरुग्राम नूंह फरीदाबाद में अरावली पर्वतमाला इलाके में अवैध खनन की पुष्टि होती रही है। बावजूद इसके सख्ती के अभाव में यह सब जारी है।

By Jp YadavEdited By: Updated: Wed, 20 Jul 2022 07:37 AM (IST)
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Aravali Illegal Mining: अरावली पर्वतमाला में 2009 से खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध, फिर भी नहीं मान रहे माफिया
नई दिल्ली/गुरुग्राम [बिजेंद्र बंसल]। देश की राधानी दिल्ली के नजदीक गुरुग्राम, फरीदाबाद और नूंह जिला क्षेत्र की अरावली पर्वतमाला में 2009 से खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध है। फरीदाबाद में सबसे पहले छह मई 2002 को प्रतिबंध लगा था। इसके बाद गुरुग्राम में दिसंबर 2002 को और नूंह जिले में 2009 में पूरी तरह खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। प्रतिबंध के बावजूद अवैध खनन किसी न किसी रूप में होता रहा। अवैध खनन रोकने के लिए 20 हजार से अधिक मामले प्रदेश भर में दर्ज हैं, मगर इससे भी अधिक जगह अवैध खनन होता रहा है।

फारेस्ट सर्वे आफ इंडिया के सेटेलाइट सर्वे में इन अवैध खनन की पुष्टि होती रही है। फरीदाबाद, नूंह और गुरुग्राम में अवैध खनन रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने छह मार्च 2021 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तीनों जिलों के 2100 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन की अनुमति मांगी थी, मगर अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।

हरियाणा खनन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में खनन की अनुमति मांगते समय जो तर्क दिए थे, उनमें सबसे बड़ा तर्क यह था कि फरीदाबाद में 600 और नूंह व गुरुग्राम में अरावली का 1500 हेक्टेयर ऐसा क्षेत्र है, जो गैर वानिकी कार्य के लिए चिन्हित है। इस क्षेत्र के पत्थर व खनिज का खदान किया जा सकता है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने यह भी तर्क दिया कि नूंह जिले से लगते राजस्थान के अलवर व भरतपुर के अरावली के क्षेत्र में खनन कार्य खुला है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कोई निर्णय नहीं दिया है।

अवैध खनन रोकने के प्रति सरकार ने कभी नहीं दिखाई गंभीरता

सेवानिवृत्त वन अधिकारी आरपी बालवान का कहना है कि अरावली क्षेत्र में अवैध खनन रोकने के लिए सरकार ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने लगातार सरकारों को निर्देश दिए। 2002 में लगे प्रतिबंध के बावजूद फरीदाबाद और गुरुग्राम में अरावली क्षेत्र में कई अवैध फार्म हाउस बन गए। नूंह में 2009 के बाद भी खनन हो रहा है। इसके अनेक तथ्य फारेस्ट सर्वे आफ इंडिया के सेटेलाइट सर्वे में कई बार मिले हैं। कभी कभार सुरेंद्र सिंह जैसा ईमानदार अधिकारी ही अवैध खनन करने वालों के रास्ते में आ खड़ा होता है।

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