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Results 2024: कन्हैया और उदित को टिकट देने से क्यों नाराज हो गए कार्यकर्ता? दिल्ली में कांग्रेस की हार की समीक्षा करेगी समिति

दिल्ली लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार तीसरी बार सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं इस बार गठबंधन के तहत आप ने चार सीटों पर और कांग्रेस ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन सभी को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस पार्टी राजधानी में हार के कारणों की समीक्षा करेगी। पार्टी ने इसके लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया है।

By sanjeev Gupta Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 23 Jun 2024 07:47 AM (IST)
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कांग्रेस ने दो सदस्यीय समिति का गठन किया।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में कांग्रेस की हार पर पार्टी ने मंथन शुरू कर दिया है। इसी दिशा में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) द्वारा दो सदस्यीय एक समिति का गठन किया गया है। समिति में पूर्व राज्यसभा सदस्य पीएल पूनिया और राज्यसभा सदस्य रजनी पाटिल को शामिल किया गया है।

राजधानी में पहली बार कांग्रेस ने गठबंधन में लड़ा चुनाव

बुधवार की शाम लिखित आदेश जारी कर पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने समिति को तुरंत प्रभाव से सक्रिय हो जाने के लिए कह दिया है। गौरतलब है कि दिल्ली के इतिहास में पहली बार कांग्रेस ने गठबंधन में कोई चुनाव लड़ा था। चार सीटों पर आप और तीन सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सभी सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा।

पार्टी नेताओं के मुताबिक कांग्रेस की हार के अनेक कारण रहे हैं। मसलन, प्रदेश इकाई बिल्कुल भी इस पक्ष में नहीं थी कि आप से गठबंधन किया जाए, किन्तु शीर्ष नेतृत्व के दबाव में पार्टी को गठबंधन करना पड़ा। इसके बाद उम्मीदवारों के चयन में भी प्रदेश इकाई की सिफारिशों को अनदेखा कर दिया गया।

अरविंदर सिंह लवली ने छोड़ी पार्टी

कन्हैया कुमार और उदित राज को टिकट देने से 20 और विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ता नाराज हो गए। तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली एवं पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान सहित कई अन्य नेताओं ने इसके विरोध में पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया तो भी परवाह नहीं की गई। इसी सबके चलते इस बार कांग्रेस के स्थानीय नेताओं-कार्यकर्ताओं ने दिल से चुनाव में काम किया ही नहीं, तो तीनों ही सीटों पर भितरघात भी खूब देखने को मिली।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने तीनों सीटों पर वरिष्ठ नेता सचिन पायलट, चौ वीरेंद्र सिंह और सीपी जोशी को पर्यवेक्षक बनाया, लेकिन पायलट के अलावा कोई एक से दूसरी बार नहीं आया। पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की, लेकिन 10 प्रतिशत प्रचारकों ने भी गंभीरता से अपना काम नहीं किया।

हार के बाद कारणों की समीक्षा होनी जरूरी है, तभी हार के असली कारणों की तह तक जा पाएंगे, साथ ही यह भी पता चल पाएगा कि कहां कमी रह गई थी। फिर उन कमियों को दूर किया जाएगा।

-देवेंद्र यादव, अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस

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