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दिल्ली में चुनाव से पहले कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती, 10 विधानसभा सीटों पर पार्टी के पास उम्मीदवार ही नहीं!

Delhi Assembly Election को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच 10 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के पास उम्मीदवार ही नहीं है। पार्टी नेतृत्व के मुताबिक अबकी कांग्रेस कददावर पूर्व विधायकों के साथ आधी आबादी और युवा उम्मीदवारों पर भी दांव लगाएगी। हर विधानसभा क्षेत्र में सर्वे कराया जा रहा है। योग्य उम्मीदवारों को टिकट दी जाएगी और चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया जाएगा।

By sanjeev Gupta Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 13 Aug 2024 08:58 AM (IST)
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ राहुल गांधी। (फाइल फोटो)
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। एक तरफ प्रदेश कांग्रेस अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ने का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ जोर शोर से चुनावी तैयारी में भी जुटी है। लेकिन इस बीच एक सच यह भी सामने आया है कि 70 में से 10 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के पास प्रत्याशी तक नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इस सच से इंकार नहीं कर रहे।

लगातार 15 साल तक दिल्ली की सत्ता पर किया राज

गौरतलब है कि 1998 से 2013 तक लगातार 15 साल राजधानी की सत्ता पर राज करने वाली कांग्रेस इसके बाद हाशिए पर जाती गई। 2013 के चुनाव में तो फिर भी कांग्रेस आठ सीटें जीत गई थीं, लेकिन 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का खाता तक नहीं खुला।

लोकसभा चुनाव में भी मिली निराशा

इसी तरह 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस खाली हाथ ही रही। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में तो कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन में प्रत्याशी उतारे, लेकिन तब भी कामयाबी नहीं मिली।

कांग्रेस के लिए सत्ता की राह फिलहाल आसान नहीं

फरवरी 2025 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद घोषणा कर चुके हैं कि पार्टी किसी से कोई समझौता नहीं करेगी। सभी 70 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के लिए सत्ता की राह फिलहाल इतनी भी आसान नहीं है।

10 सीटों पर कांग्रेस के पास कोई उम्मीदवार नहीं

पार्टी सूत्र बताते हैं कि आज की तारीख में 10 सीटों पर कांग्रेस के पास कोई उम्मीदवार नहीं है। कुछ सीटों पर उम्मीदवार हैं, लेकिन उनकी स्थिति बहुत मजबूत नहीं है। कुछ सीटों पर पूर्व विधायक ही फिर से ताल ठोक सकते हैं, किन्तु सीट निकाल पाने की स्थिति नजर नहीं आ रही। कुछ सीटों अच्छे उम्मीदवार थे, मगर पार्टी छोड़ गए।

हालांकि वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद देवेंद्र यादव लगातार संगठन की मजबूती के लिए प्रयास कर रहे हैं। सभी ब्लाकों एवं जिलों में मासिक बैठक अनिवार्य कर दी गई है। अलग अलग क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलन भी किए जा रहे हैं। जल्द ही निष्क्रिय ब्लाक और जिला अध्यक्षों को हटाकर नए पदाधिकारी भी नियुक्त किए जाने की तैयारी है।

इन 10 सीटों पर नहीं कांग्रेस के पास उम्म्मीदवार

  1. रोहिणी

  2. शालीमार बाग
  3. नजफगढ़
  4. बदरपुर
  5. विश्वास नगर
  6. तिलक नगर
  7. जनकपुरी
  8. राजौरी गार्डन
  9. अंबेडकर नगर
  10. मंगोलपुरी
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