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वित्तीय संकट की ओर बढ़ रही है दिल्ली, ठप हो जाएगा विकास: कांग्रेस

दिल्ली के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता अरविंद सिंह लवली ने कहा कि जिस सरकार का अपने अधिकारियों के साथ संवाद खत्म हो गया है वह बजट कैसे बनाएगी।

By Amit MishraEdited By: Updated: Sat, 24 Feb 2018 08:18 AM (IST)
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वित्तीय संकट की ओर बढ़ रही है दिल्ली, ठप हो जाएगा विकास: कांग्रेस

नई दिल्ली [जेएनएन]। कांग्रेस का कहना है कि सरकार और अधिकारियों के बीच चल रहा विवाद दिल्ली को वित्तीय संकट की ओर धकेल रहा है। फरवरी का महीना दिल्ली सरकार के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसमें बजट बनाने का काम होता है। ऐसे में सरकार व अधिकारियों के बीच संवादहीनता दिल्ली के विकास को पूरी तरह ठप कर देगा। यदि यह विवाद जल्द नहीं सुलझा तो इसका खामियाजा दिल्लीवासियों को भुगतना पड़ेगा। सरकार को दिल्ली के हित में सोचना चाहिए। दिल्ली के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता अरविंद सिंह लवली ने कहा कि जिस सरकार का अपने अधिकारियों के साथ संवाद खत्म हो गया है वह बजट कैसे बनाएगी। 

बजट गोपनीय दस्तावेज होता है

लवली ने कहा कि सरकार यह दावा कर रही है कि इस विवाद का बजट पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इससे संबंधित काम पूरा कर लिया गया है। प्रत्येक विभाग अपना बजट बनाकर देगा। इस दावे के उलट बजट को लेकर वित्त विभाग व योजना विभाग की अब तक कोई बैठक नहीं हुई है। विभाग बजट नहीं बनाता है वह सिर्फ अपना प्रस्ताव भेजता है। बजट एक गोपनीय दस्तावेज होता है। मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री के अलावा किसी और मंत्री को इसकी जानकारी नहीं होती है। बजट पेश होने के दो घंटे के पहले कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों को इसकी जानकारी देकर उनकी टिप्पणी नोट की जाती है।

पुराने बजट की नकल

लवली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, वित्त सचिव व योजना विभाग के अधिकारी मिलकर बजट बनाते हैं, लेकिन यहां अधिकारियों ने मंत्रियों के साथ बैठक करने से इन्कार कर दिया है। ऐसे में सरकार बजट के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी करेगी। पुराने बजट की नकल कर विधानसभा में पेश कर देगी।

साजिश रचने का अड्डा बना सीएम आवास 

दिल्ली को किस तरफ ले जाना है इसकी झलक बजट में देखने को मिलती है। औपचारिकता के लिए बजट लाने से दिल्ली का हित नहीं होगा। सरकार को जवाब देना चाहिए कि स्वास्थ्य विभाग का 66 फीसद, शिक्षा विभाग का 41 फीसद और सोशल वेलफेयर 89 फीसद बजट अब तक खर्च क्यों नहीं हुआ। लवली ने कहा कि मुख्यमंत्री का घर दिल्लीवासियों के लिए राहत का पहला स्थान होना चाहिए। इसके विपरीत वह अापराधिक गतिविधियों और साजिश रचने का अड्डा बन गया है। 

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