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MCD में कांग्रेस को झटका, पार्षद सबीला बेगम ने दिया पार्टी से इस्तीफा; AAP को देंगी समर्थन

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस पार्षद सबीला बेगम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन देने का ऐलान किया है। सबीला बेगम ने अपने इस्तीफे में कहा है कि मेयर चुनाव से दूर रहकर हम भाजपा का समर्थन नहीं कर सकते। फिलहाल एमसीडी में मेयर का चुनाव जारी है।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 14 Nov 2024 04:34 PM (IST)
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MCD में कांग्रेस को झटका, पार्षद सबीला बेगम ने दिया पार्टी से इस्तीफा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में मेयर का चुनाव जारी है। इसी बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कांग्रेस पार्षद सबीला बेगम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वह इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन देंगी। सबीला बेगम ने इस्तीफा पत्र में लिखा है कि मेयर चुनाव से दूर रहकर हम भाजपा का समर्थन नहीं कर सकते। 

बता दें, सबीला बेगम मुस्तफाबाद वार्ड से पार्षद है। कांग्रेस से पार्षद का चुनाव जीतने के बाद वह आम आदमी पार्टी में चली गई थी। इसके विरोध में स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए थे। उनका आरोप था पार्षद सबीला बेगम ने जनता के फैसले का अपमान किया है। इनके घर के बाहर भी जमकर हंगामा हुआ था। आप में जॉइनिंग होने के कुछ घंटे के बाद वापस कांग्रेस में आ गई थी। लेकिन अब एक बार फिर वह आप में चली गई हैं।

दलित मेयर के कार्यकाल में कमी पर जताई आपत्ति

इससे पहले, मेयर चुनाव के दौरान एमसीडी सदन में जमकर हंगामा हुआ, जहां कांग्रेस पार्षदों ने दलित मेयर के लिए आवंटित कार्यकाल में कमी को लेकर नारेबाजी की और सदन के वेल में हंगामा किया। पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने जैसे ही कार्यवाही शुरू की, हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस नेता (एलओपी) नाजिया धनीश ने दलित मेयर के लिए निर्धारित कार्यकाल में कटौती की आलोचना करते हुए तुरंत आपत्ति जताई।

दलित समुदाय के पूर्ण प्रतिनिधित्व के अधिकार का उल्लंघन

उन्होंने मौजूदा मेयर पर समय से अधिक कार्यकाल तक रुकने और दलित समुदाय के पूर्ण प्रतिनिधित्व के अधिकार का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। धनीश, अन्य कांग्रेस पार्षदों के साथ पीठासीन अधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए सदन के वेल में चले गए। जवाब में, सत्या शर्मा ने कांग्रेस पार्षदों से अपनी सीटों पर लौटने का आग्रह करते हुए टिप्पणी की, "आप उनका सीमित कार्यकाल भी खराब कर रहे हैं।"

एमसीडी में दल-बदल का नियम लागू नहीं होता

एमसीडी के महापौर और उप महापौर चुनाव के लिए पार्षद के साथ ही निगम में नामांकित विधायकों के साथ ही राज्यसभा और लोकसभा के सांसद भी हिस्सा लेते हैं। जबकि एल्डरमैन को वोट डालने का अधिकार नहीं होता है। उल्लेखनीय है कि एमसीडी में हर वर्ष अप्रैल महापौर चुनाव का प्रावधान है। पहला वर्ष महिला पार्षद को महापौर बनाने के लिए आरक्षित होता है। जबकि तीसरा वर्ष अनुसूचित जाति के पार्षद को महापौर बनाने के लिए आरक्षित होता है। यह तीसरे वर्ष का चुनाव है। निगम में दल बदल कानून लागू नहीं होता है। 

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