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MCD Election 2022: मेयर चुनाव से पहले केजरीवाल का दांव, कांग्रेस की दो महिला पार्षद AAP में हुईं शामिल

दिल्ली नगर निगम चुनाव के परिणाम आने के बाद भी रोमांच अभी भी बरकरार है। नगर निगम रिजल्ट के बाद कांग्रेस को एक और झटका लगा है। शुक्रवार को दो पार्षद आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गईं।

By V K ShuklaEdited By: GeetarjunUpdated: Fri, 09 Dec 2022 04:59 PM (IST)
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मेयर चुनाव से पहले केजरीवाल का दांव, कांग्रेस की दो महिला पार्षद AAP में हुईं शामिल
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली नगर निगम चुनाव के परिणाम आने के बाद भी रोमांच अभी भी बरकरार है। नगर निगम रिजल्ट के बाद कांग्रेस को एक और झटका लगा है। शुक्रवार को दो पार्षद आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गईं। इस तरह आम आदमी पार्टी के पार्षदों की संख्या 136 हो गई है।

AAP में शामिल होने वाली पार्षदों के नाम सबिला बेगम और नाजिया खातून हैं। सबिला ब्रजपुरी और नाजिया मुस्तफाबाद से पार्षद हैं। बता दें कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव 4 दिसंबर को हुए और परिणाम 7 दिसंबर को आया था।

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दिल्ली नगर निगम चुनाव का परिणाम

दिल्ली नगर निगम चुनाव के परिणाम में आम आदमी पार्टी को 134, भाजपा को 104, कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं, तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी जीते थे। शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल ने बड़ा दांव चलते हुए कांग्रेस की दो नई महिला पार्षदों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। इस तरह AAP के पार्षदों की संख्या 136 और कांग्रेस के पार्षदों की संख्या 7 रह गई।

चुनाव परिणाम के बाद आगे क्या होगा?

राज्य चुनाव आयोग से जीते हुए प्रत्याशियों की अधिसूचना जारी करके दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को भेजेगा। आयुक्त इसे निगम सचिव को भेजेंगे। निगम सचिव इस सूची के साथ एक पत्र उपराज्यपाल को लिखेंगे। जिसमें कहा जाएगा कि यह सदस्य जीतकर आए हैं। कृपया सदन की बैठक की तारीख और महापौर का चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करें। निगम के पूर्व मुख्य विधि अधिकारी अनिल गुप्ता बताते हैं कि इसी समय उपराज्यपाल एक्ट के अनुसार देखेंगे कि क्या वह शपथ की तारीख घोषित कर सकते हैं या नहीं।

चूंकि एक्ट अप्रैल माह की पहली बैठक में ही महापौर और उप महापौर के चुनाव कराने की अनुमति देता है तो इस पर वह केंद्र सरकार से सलाह लेकर इस पर निर्णय ले सकते हैं।

पहली महापौर महिला पार्षद होंगी

दिल्ली में पहला महापौर महिला पार्षद में से ही होगा, क्योंकि पहला वर्ष महिला महापौर के लिए आरक्षित है, जबकि तीसरा वर्ष अनुसूचित जाति से सदस्य चुनकर आए पार्षद के लिए यह पद आरक्षित होता है। सदन की पहली बैठक के बाद मेयर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होती है। पहले नामांकन और उसके बाद पार्षद मेयर का चुनाव करते हैं।

महापौर पद के लिए अब तीन महिला पार्षद ही दावेदार रह गई हैं। आप की तीन महिला पार्षदों में इस पद की दौड़ में अब प्रोमिला गुप्ता, निर्मला देवी, सारिका चौधरी शामिल हैं। वहीं भाजपा भी महापौर की रेस के लिए महिला पार्षद का नाम आगे कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो AAP के लिए मुसीबत हो सकती है, क्योंकि निगम में महापौर को सीधे तौर पर पार्षद ही चुनते हैं।

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महापौर के चुनाव में इन्हें हैं वोटिंग का अधिकार

वहीं, नगर निगम सदन के सदस्य दिल्ली लोकसभा के सांसद, राज्यसभा के तीन सांसद और दिल्ली विधानसभा के मनोनीत 13 विधायक भी होते हैं। इन्हें भी महापौर व उप महापौर पद पर वोटिंग का अधिकार होता है। ऐसे में कई बार इन समीकरणों से स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी राजनीतिक दलों के समीकरण बिगड़ जाते हैं।

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