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Delhi Metro: अगले साल से शुरू होगा दोनों नए कॉरिडोर का निर्माण, होंगी छह कोच; इस तकनीक का होगा इस्तेमाल

दिल्ली मेट्रो के फेज चार के दोनों स्वीकृति नए मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए लोकसभा चुनाव बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू कर सकता है। उम्मीद है कि अगले वर्ष इन दोनों कॉरिडोर का काम शुरू होगा। निर्माण पूरा होने पर इन दोनों कॉरिडोर पर छह कोच की मेट्रो चलेंगी। इन कॉरिडोर पर मजेंटा व पिंक लाइन की तरह चालक रहित स्वचालित मेट्रो का परिचालन हो सकता है।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 15 Mar 2024 08:05 PM (IST)
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अगले साल से शुरू होगा दोनों नए कॉरिडोर का निर्माण।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) फेज चार के दोनों स्वीकृति नए मेट्रो कॉरिडोर (लाजपत नगर-साकेत जी ब्लाक और इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ) के निर्माण के लिए लोकसभा चुनाव बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू कर सकता है। उम्मीद है कि अगले वर्ष इन दोनों कॉरिडोर का काम शुरू होगा। निर्माण पूरा होने पर इन दोनों कॉरिडोर पर छह कोच की मेट्रो चलेंगी। लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर पर मजेंटा व पिंक लाइन की तरह चालक रहित स्वचालित मेट्रो का परिचालन हो सकता है।

इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर मौजूदा ग्रीन लाइन (बहादुरगढ़-इंद्रलोक-कीर्ति नगर) कॉरिडोर की विस्तार परियोजना है। स्टैंडर्ड गेज के इस ग्रीन लाइन पर छह कोच के ही मेट्रो का परिचालन होता है। इसलिए इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर और इसके स्टेशन ग्रीन लाइन पर इस्तेमाल होने वाली तकनीक को ध्यान में रखकर डिजाइन होंगे।

पिंक व मजेंटा लाइन पर इस तकनीक का इस्तेमाल

लाजपत नगर-साकेत कॉरिडोर एक नई मेट्रो लाइन है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के सूत्रों के अनुसार इस कॉरिडोर पर अत्याधुनिक संचार आधारित ट्रेन कंट्रोल सिस्टम का इस्तेमाल हो सकता है। मौजूदा समय में पिंक व मजेंटा लाइन पर इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा फेज चार में पहले से निर्माणाधीन गोल्डन लाइन (एरोसिटी-तुगलकाबाद) पर भी संचार आधारित ट्रेन कंट्रोल सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। इसलिए गोल्डन लाइन पर भी चालक रहित स्वचालित मेट्रो का परिचालन होना है।

लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक छोटा कॉरिडार

साकेत जी ब्लॉक गोल्डन लाइन और लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर का इंटरचेंज स्टेशन है। लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर 8.38 किलोमीटर का छोटा कॉरिडार होगा। ऐसे में इस कॉरिडोर की पहचान भी गोल्डन लाइन के रूप में हो सकती है। बताया जा रहा है कि डीएमआरसी इस पर विचार भी कर रहा है, लेकिन डीएमआरसी ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है।

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