दिल्ली: MCD सदन का विवाद खत्म, अब ‘सुप्रीम’ निर्णय का इंतजार; जल्द शुरू होगी स्थायी समिति के गठन की प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट में लंबित एलजी की ओर से नियुक्त एल्डरमैन के खिलाफ महापौर डॉ. शैली ओबेराय सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा रखी है। सुप्रीम कोर्ट में मामले में सुनवाई पूरी हो गई है। साथ ही फैसला सुरक्षित हो गया है।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दिल्ली नगर निगम की सबसे महत्वपूर्ण स्थायी समिति के गठन का रास्ता हाई कोर्ट से साफ हो गया है। सदन में स्थायी समिति सदस्यों के चुनाव को लेकर चल रहा विवाद खत्म हो गया है।
समिति के सदस्यों के चुनाव के नतीजे जारी होते ही अब वार्ड समितियों और फिर स्थायी समिति का गठन हो सकता है। चूंकि आप और भाजपा में सत्ता का संघर्ष स्थायी समिति पर कब्जे के लिए ही हो रहा है, ऐसे में दोनों पार्टियां इसके लिए पार्षदों पर नजर बनाए हुए हैं। पार्षद दलबदल न करें, इसके लिए वरिष्ठ नेताओं को संपर्क में रहने के लिए कहा गया है।
हंगामे के चलते नहीं हुआ था चुनाव
12 वार्ड कमेटी से जो पार्टी स्थायी समिति के ज्यादा सदस्य जिता लेगी, सत्ता की चाबी उसी के हाथ होगी। समिति के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया 22 फरवरी को शुरू हुई थी, लेकिन भाजपा और आप के सदस्यों में हाथापाई के कारण यह चुनाव नहीं हो पाया था। देर रात तक सदन की बैठक भी चली थी।
24 फरवरी को सदन की बैठक हुई, जहां फिर से चुनाव की प्रक्रिया कराई गई, लेकिन परिणाम जारी करने के दौरान एक वोट पर हुई गलत वोटिंग से विवाद हो गया। ऐसे में महापौर डॉ. शैली ओबेराय ने 27 फरवरी को फिर से चुनाव कराने का आदेश दे दिया था। मामला कोर्ट में गया, तो अब तस्वीर साफ हो गई है।
नरेला और मध्य जोन पर रहेगी नजर
संभवत: तकनीकी कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार छह में तीन भाजपा के सदस्यों और तीन ही आप के सदस्यों ने जीत दर्ज की थी। निगम में स्थायी समिति के लिए 18 सदस्य होते हैं।
इनमें 12 सदस्य वार्ड कमेटी से, जबकि छह सदस्य सदन से होते हैं। हाई कोर्ट के निर्णय के बाद छह सदस्यों का मामला सदन से स्पष्ट हो गया है। ऐसे में अब सारी नजर नरेला और मध्य जोन में है।
एमसीडी के 12 जोन हैं। प्रत्येक जोन से एक-एक सदस्य स्थायी समिति के लिए निर्वाचित होकर आएगा। भाजपा के पास शाहदरा दक्षिणी, शाहदरा उत्तरी के साथ नजफगढ़ और केशवपुरम जोन से एक-एक सदस्य तो जिता लेगी, क्योंकि यहां पर पूर्ण बहुमत है, लेकिन झगड़ा नरेला और मध्य जोन में होगा।
भाजपा के पास हैं कितने सदस्य?
नरेला जोन में आप के 10, जबकि भाजपा के छह सदस्य हैं। यहां भाजपा के चार नेताओं को एलजी ने मनोनीत सदस्य नियुक्त कर दिया है। ऐसे में यहां बराबर का मामला हो गया।
पिछले दिनों इस जोन को जीतने के लिए भाजपा आप पार्षद पवन सहरावत को तोड़कर लाई थी, लेकिन अब वह आप में लौट गए हैं।
मध्य जोन में आप के पास 13 सदस्य हैं और दो एल्डरमैन समेत 12 सदस्य भाजपा के पास हैं, जबकि दो सदस्य कांग्रेस के पास हैं। कांग्रेस ने जिस दल का समर्थन किया, वही दल जीतेगा।
भाजपा अगर, चार पूर्ण बहुमत वाले और तीन जोन एल्डरमैन व कांग्रेस की मदर से जिता लेती है, तो उसे चेयरमैन बनाने में कामयाबी मिल सकती है।
इन पार्षदों को मिली जीत
आम आदमी पार्टी से मोहिनी, मोहम्मद अमिल मलिक और रमिंदर कौर, जबकि भाजपा से गजेंद्र सिंह दराल, कमलजीत सहरावत और पंकज लूथरा को जीत मिली है। जबकि, कम वोट के कारण आप की सारिका चौधरी हार गईं।
एल्डरमैन की नियुक्ति का मामला
सुप्रीम कोर्ट में लंबित एलजी की ओर से नियुक्त एल्डरमैन के खिलाफ महापौर डॉ. शैली ओबेराय सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा रखी है। सुप्रीम कोर्ट में मामले में सुनवाई पूरी हो गई है। साथ ही फैसला सुरक्षित हो गया है।
ऐसे में अगर, सुप्रीम कोर्ट से एल्डरमैन की नियुक्ति का अधिकार एलजी को ही मिला, तो भाजपा को स्थायी समिति का चेयरमैन बनाने में आसानी होगी। वहीं, अगर आदेश एलजी के आदेश को पलट देता है, तो इससे आप को फायदा होगा।