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Coronavirus: एम्स के डायरेक्टर गुलेरिया ने दिया बड़ा बयान, कहा- देश में अभी चरम पर नहीं पहुंचा कोरोना

देश में 23 लाख से अधिक संक्रमित हैं। प्रतिदिन 50 से 55 हजार नए मामले आ रहे हैं। ऐसे में डॉ. रणदीप गुलेरिया का यह बयान अहम है कि संक्रमण के मामले अभी और तेजी से बढ़ेंगे।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Thu, 13 Aug 2020 07:28 AM (IST)
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Coronavirus: एम्स के डायरेक्टर गुलेरिया ने दिया बड़ा बयान, कहा- देश में अभी चरम पर नहीं पहुंचा कोरोना
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश में कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के कोई संकेत नहीं हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अभी संक्रमण अपने चरम पर नहीं पहुंचा है। यह थमा भी नहीं है। देश में अब तक 23 लाख से अधिक संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। प्रतिदिन 50 से 55 हजार नए मामले आ रहे हैं। ऐसे में डॉ. रणदीप गुलेरिया का यह बयान दर्शाता है कि संक्रमण के मामले अभी और तेजी से बढ़ेंगे।

विश्व की 60 फीसद वैक्सीन यहीं बनती है

कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए गठित कोर कमेटी के सदस्य डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह प्रयास करने का समय है। वैक्सीन (टीके) विकसित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत के पास बढ़त है। क्योंकि, यहां विश्व की 60 फीसद वैक्सीन बनती हैं। हमारे पास बड़ी संख्या में वैक्सीन बनाने की क्षमता है।

अभी और बढ़ेगी क्षमता

सरकार और वैक्सीन निर्माताओं ने भरोसा भी दिया है कि इसे बनाने की क्षमता को और बढ़ाया जाएगा, जिससे यह सिर्फ अपने देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने बताया कि इस समय तीन वैक्सीन को लेकर परीक्षण चल रहे हैं। एक वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर विकसित किया है। इसी तरह से भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला कंपनी ने भी अलग-अलग वैक्सीन तैयार किए हैं। वहीं, कई देशों के संयुक्त प्रयासों से वैक्सीन को विकसित करने में तेजी आई है।

रूस की वैक्सीन पर गुलेरिया ने कहा सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी

रूस द्वारा विकसित वैक्सीन पर डॉ. गुलेरिया ने कहा, यह सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है कि वैक्सीन सुरक्षित और असरदार है। बुजुर्गों या पुरानी बीमारियों से पीडि़त लोगों पर अगर इसका परीक्षण किया जा रहा है तो उनकी सुरक्षा सबसे प्रमुख मुद्दा है। यह देखना पड़ेगा कि उक्त वैक्सीन कितनी सुरक्षा दे पाती है या असरदार रहती है।

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