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Coronavirus Lockdown: दोस्तों से दूरी ने दिखाई असली दोस्ती की राह

Coronavirus Lockdown कोरोना से जंग में जीत के लिए एनबीटी ने पिछले दिनों ‘स्टे होम इंडिया विद बुक्स’ लांच किया था।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Thu, 30 Apr 2020 02:01 PM (IST)
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Coronavirus Lockdown: दोस्तों से दूरी ने दिखाई असली दोस्ती की राह

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। शारीरिक दूरी की वजह से लॉकडाउन में यार- दोस्त भले दूर हो गए हों, लेकिन किताबों के रूप में लोगों ने नए दोस्त ढूंढ लिए हैं। इस नई दोस्ती में उन्हें मजा भी खूब आ रहा है। किरदार भी उनकी पसंद के हैं। कुछ किरदार बचपन के तो कुछ उनकी सोच के अनुकूल काल्पनिकता से निकल अक्षरों के रूप में सामने आ रहे हैं। यह नए दोस्त उन्हें राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) के अभियान ‘मेरी किताब, मेरी दोस्त’ के रूप में ऑनलाइन मिल रहे हैं।

गौरतलब है कि कोरोना से जंग में जीत के लिए एनबीटी ने पिछले दिनों ‘स्टे होम इंडिया विद बुक्स’ लांच किया था। इस पहल के जरिये एनबीटी ने अपनी वेबसाइट एनबीटी इंडिया डॉट जीओवी डॉट इन पर सैंकड़ों किताबें पीडीएफ में तैयार कर अपलोड कर दी। गुरु रविंद्रनाथ टैगोर और प्रेमचंद जैसे ढेरों नामी लेखकों द्वारा लिखित एवं 18 भाषाओं में प्रकाशित इन पुस्तकों को मुफ्त में डाउनलोड कर पढ़ा जा सकता है। इसे बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ‘मेरी किताब, मेरी दोस्त’ मुहिम लांच की।

केंद्रीय मंत्री की इस मुहिम को आम जन ही नहीं, खास लोगों का भी समर्थन मिला। इनमें अमिताभ बच्चन और प्रख्यात लेखक अमिष त्रिपाठी भी शामिल हैं। इन दोनों ने ही ‘मेरी किताब, मेरी दोस्त’ मुहिम को समर्थन देते हुए ट्वीट भी किए। आलम यह है कि लॉकडाउन के दौरान अभी तक लगभग 36 हजार लोग एनबीटी की वेबसाइट से किताबें डाउनलोड कर चुके हैं।

प्रमुख किताबों के शीर्षक

होलीडेज हैव कम, एनिमल्स यू कांट फॉरगेट, नाइन लिटिल वंर्डस, द पजल, गांधी तत्व सत्काम, वूमैन साइंटिस्ट इन इंडिया, एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग साइंस, गांधी : नॉन वायलेंस इत्यादि।

किताबों के बिना कमरा ऐसे ही है जैसे आत्मा के बिना शरीर। मैं लॉकडाउन ‘टॉकिंग टू माई डॉटर’ पुस्तक पढ़ने में बिता रहा हूं। ‘मेरी किताब, मेरी दोस्त’ मुहिम शुरू करने के लिए धन्यवाद। - अमिताभ बच्चन

किसी ने कहा है, किताबें अंधेरे में उजाला लाती हैं और छाया में सूरज की किरण पहुंचाती हैं। ‘मेरी किताब, मेरी दोस्त’ मुहिम शुरू करने के लिए आभार। मैंने अभी ‘द ग्रेटेस्ट ओड टू लॉर्ड राम’ पुस्तक पढ़कर खत्म की है।- अमिष त्रिपाठी

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