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Delhi MCD News: दिल्ली निगम भेजेगा अब डिजिटल नोटिस, LG के निर्देश पर हस्तलिखित होंगे बंद

Delhi News दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने जन सेवाएं डिजीटल करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में हमने संपत्तिकर विभाग की नोटिस प्रणाली डिजीटल कर दिया है। हस्तलिखित बंद करने के निर्देश दिए हैं।

By Pradeep Kumar ChauhanEdited By: Updated: Sat, 30 Jul 2022 10:16 PM (IST)
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Delhi MCD News: :उच्चाधिकारी की अनुमति के बाद इसे संपत्तिकर जमा न करने वाले लोगों को भेजा जाएगा।

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। Delhi MCD News: तीनों निगमों के एकीकरण के बाद दिल्ली नगर निगम को डिजीटल बनाने पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में वह जनसेवाएं डिजीटल की जा रही है जिनसे लोगों का समय भी बचे और पारदर्शिता भी बढ़े। इसी कड़ी में एमसीडी ने अब संपत्तिकर के नोटिस के हस्तलिखित नोटिस प्रक्रिया को बंद करने का फैसला लिया है। एक अगस्त से अब नोटिस की यह प्रक्रिया डिजीटल होगी।

जिस संपत्ति मालिक की ई-मेल आइडी नहीं होगी उस संपत्ति मालिक को वही डिजीटल सर्टिफिकेट प्रिंट करके डाक द्वारा भेजा जाएगा। यानि अब कोई भी बिल बुक से कटा हुआ नोटिस लोगों को नहीं जाएगा। दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने जन सेवाएं डिजीटल करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में हमने संपत्तिकर विभाग की नोटिस प्रणाली डिजीटल (digital notices) कर दिया है। इसमें प्रत्येक जोन में निगम के कर्मियों को लाग-इन आइडी और पासवर्ड भी दिया गया है।

ताकि प्रत्येक जोन में निगम का राजस्व बढ़ाने के लिए संपत्तिकर (property tax)जमा न करने वाले या बकाया न भरने वालों से संपत्तिकर वसूला जा सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जोनल इंस्पेक्टर अपने-अपने उच्चाधिकारी को इस नोटिस को मंजूरी के लिए भेजेंगे। उच्चाधिकारी की अनुमति के बाद इसे संपत्तिकर जमा न करने वाले लोगों को भेजा जाएगा।

उन्होंने बताया नगर निगम एक्ट 123डी के तहत पहले हस्तलिखित नोटिस भेजे जाते थे। हस्तलिखित होने की वजह उसकी निगरानी और पारदर्शिता में दिक्कतें आती थीं। अब जो भी नोटिस जारी होगा उसकी न केवल क्षेत्रीय कार्यालय में निगरानी की जा सकेगी बल्कि मुख्यालय में प्रत्येक दिन के कार्य की निगरानी भी हो सकेगी।संपत्तिकर निगम के राजस्व का बढ़ा स्त्रोत हैं।

अभी दो हजार करोड़ का सालाना संपत्तिकर आता है। दस लाख के करीब संपत्तिकर दाता है। निगम ने संपत्तिकर से राजस्व का लक्ष्य चार हजार करोड़ रखा है। इससे नए संपत्ति मालिकों को इसके दायरे में लाने के प्रयास हो रहे हैं।

नोटिस का जवाब घर बैठे दें

निगम के अधिकारी ने बताया कि जो नोटिस बकायेदारों को जाते थे उसका जवाब देने के लिए 30 दिन का समय दिया जाता था। इसमें हम तारीख उल्लेख करके भेजते थे कि उक्त दिनांक को अपना जवाब देने के लिए उपस्थित हो। डिजीटल व्यवस्था के तहत अब लोगों को घर बैठे अपना जवाब भेजने की सुविधा होगी। उन्होंने कहा इससे लोगों का समय बचेगा।

साथ ही मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा तो पादर्शिता भी बढ़ेगी। यूपिक कोड जारी करके भेजा निगमसंपत्तिकर वसूलने के लिए निगम ऐसी संपत्तियों को भी दायरे में लेकर आएगा जिन्होंने अभी तक संपत्तिकर जमा ही नहीं किया है।

अधिकारी ने बताया कि जिस संपत्ति मालिक या उपयोगकर्ता ने संपत्तिकर जमा नहीं किया उसको आनलाइन संपत्तिकर जमा करने के लिए अनिवार्य यूपिक (यूनिक प्रापर्टी कोड) आइडी जनरेट करके नोटिस भेजा जाएगा। जिस पर वह बड़ी आसानी से संपत्तिकर जमा कर सकेगा।

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