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दिल्ली के पूर्व परिवहन आयुक्त आरके वर्मा के खिलाफ चलेगा भ्रष्टाचार का मुकदमा, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी

दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग में हुए 100 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में पूर्व परिवहन आयुक्त आरके वर्मा के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है। इस घोटाले में निजी कंपनी को इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेट लेन टेस्ट (आइएंडसी) तथा थर्ड पार्टी टेक्निकल इंस्पेक्शन (टीपीटीआई) क्रमश 400 रुपये तथा 480 रुपये में करना था लेकिन वाहन मालिकों से 1600 रुपये प्रति वाहन वसूले जा रहे थे।

By V K Shukla Edited By: Sonu Suman Updated: Sat, 24 Aug 2024 10:50 PM (IST)
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दिल्ली के पूर्व परिवहन आयुक्त आरके वर्मा के खिलाफ चलेगा भ्रष्टाचार का मुकदमा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग में हुए 100 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में पूर्व परिवहन आयुक्त के खिलाफ मुकदमा चालने की मंजूरी दे दी है। जब घोटाला हुआ था, तब आइएएस आरके वर्मा परिवहन आयुक्त थे। वह अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इस मामले में परिवहन विभाग के कई अन्य अधिकारी भी आरोपी हैं।

इस मामले में भ्रटाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने 17 दिसंबर 2012 में एफआइआर दर्ज की थी।उस समय यह मामला काफी चर्चित हुआ था, उस समय की कांग्रेस सरकार की इसे लेकर खूब किरकिरी हुई थी। बाद में सत्ता में आने पर आप सरकार ने भी 2015 में इस मुद्दे काे उठाया था।

घोटाला व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस जांच के नाम पर

यह घोटाला व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस जांच के नाम पर किया गया था। इसमें निजी कंपनी को इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेट लेन टेस्ट (आइएंडसी) तथा थर्ड पार्टी टेक्निकल इंस्पेक्शन (टीपीटीआई) क्रमश: 400 रुपये तथा 480 रुपये में करना था। इन दोनों जांच के बदले वाहन मालिकों से 1600 रुपये प्रति वाहन वसूले जा रहे थे।

प्रति वाहन 720 रुपये वसूले जा रहे थे

इतना ही नहीं, वाहनों से एक तीसरी जांच लोडेड मोड एमिशन टेस्ट के बदले भी प्रति वाहन 720 रुपये वसूले जा रहे थे। लेकिन यह टेस्ट हो ही नहीं रहा था।उस समय एसीबी की जांच में पता चला था कि तीन साल से यह घोटाला किया जा रहा था। ऐसे में घोटाले की रकम 100 करोड़ रुपये का पता चला।

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