यूरोप-USA की तर्ज पर नोएडा में बन रहा है देश का पहला इको हब, मिलेगा बेहतर पिकनिक स्पॉट
नोएडा प्राधिकरण अमेरिका और यूरोप की तर्ज देश का पहला इको हब विकसित कर रहा है। इसका निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Mon, 27 May 2019 09:34 PM (IST)
नोएडा, जेएनएन। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों को सकून के पल बिताने के लिए शीघ्र ही नोएडा में एक बेहतर पिकनिक स्पॉट मिलेगा। नोएडा प्राधिकरण अमेरिका और यूरोप की तर्ज देश का पहला इको हब विकसित कर रहा है। इसका निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। जुलाई में इको हब को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इसमें एक तरफ लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ घनी हरियाली और शांत वातवरण में बैठकर सकून हासिल कर सकेंगे, वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय पक्षी मोर, ब्लैक लिबिस आदि विभिन्न प्रजातियों के सायबेरियन पक्षियों की चहल-कदमी का भी आनंद उठा सकेंगे।
137 मेट्रो स्टेशन के समीप इको हब के रूप में 144 एकड़ जमीन पर ग्रीन लंग्स बनाया जा रहा है, जिसमें पशु-पक्षी अभ्यारण के अलावा एनिमल ब्रिज भी शामिल है। यह ब्रिज 144 एकड़ ग्रीन लंग्स के दो हिस्सों को आपस में जोड़ेगा। इसमें एक प्राकृतिक वैटलैंड भी शामिल है। विकसित होने के बाद यह यूरोप-यूएसए के शहर में विकसित अभ्यारण्य की तरह ही दिखेगा। इस तरह का यह देश का पहला अभ्यारण्य होगा। यह शहर की खूबसूरती को बढ़ाने के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काफी सहायक होगा।
इस परियोजना को लेकर सोमवार को एक बैठक प्रस्तावित की गई, जिसमें इस परियोजना को लेकर किए जा रहे कार्य को देखा गया और निर्देश दिए गए। मेट्रो स्टेशन के समीप होने की वजह से समूचे एनसीआर के लोग आसानी से वहां पहुंच सकेंगे। लोगों को आवागमन में दिक्कत नहीं होगी। यहां प्राकृतिक वैटलैंड में नील गाय, सरीसृप, जंगली छिपकली, मोर के अलावा कई जंगली पशु पक्षी रहेंगे।
इसी तरह तितलियों की कई प्रजातियां, मछलियों के अलावा अनेक प्रकार के जलीय जीव इसके अतिरिक्त कॉमन मूरहेन, ब्लैक इबिस, ब्लैक हेडड इबिस, ब्लैक विंग्ड स्टिल, कैलट एग्रेट, व्हाइट बेबेस्टेड वाटर हेन, इंडियन पांड हेरोन, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, नाइट हेरान, लिटिल ग्रीब शामिल हैं। इसमें ब्लैक हेडेड इबिस खतरे वाली प्रजाति है। ऐसे प्रवासी व इंडियन प्रजाति के पक्षियों की संख्या इस क्षेत्र में बहुतायत है।
एनिमल ब्रिज के जरिए मिलेगी कनेक्टिविटी
जिस प्राकृतिक वेटलैंड को जोड़कर इकोहब बनाया जा रहा है, उसमें तीन अन्य ग्रीन हब भी शामिल हैं। यह चारों एक एनिमल ब्रिज से आपस में जुड़ जाएंगे। इस एनिमल ब्रिज को ग्रीनरी में तब्दील किया जाएगा। यह जानवरों के लिए आने जाने का एक मार्ग होगा। साथ ही इसके साथ एक सर्विस रोड बनाई जाएगी, जो लोगों के लिए होगी। ब्रिज के नीचे पानी होगा यानी यह एक बीच लैंड की तरह ही होगा, जहां पशु पक्षी देखे जा सकेंगे। इसके अलावा पानी का एक स्त्रोत भी होगा।
ऐसे बन रहा है इको हब देश में पहला 144 एकड़ में बनने वाला इकोहब में महज 12 एकड़ प्राकृतिक वैटलैंड होगा। इसके अलावा शेष एरिया कृत्रिम रूप से तैयार किया जा रहा है। इसमें एक तरफ 12 एकड़ के वैटलैंड के साथ 25 एकड़ में मेडिसिनल पार्क होगा और दूसरी तरफ 75 एकड़ में बॉयो डायर्वसिटी पार्क व 32 एकड़ की ग्रीन बेल्ट होगी। इन चारों को एक एमिनल ब्रिज के जरिए जोड़ा जाएगा। इसको विकसित करने के लिए यहां वैटलैंड की झील के पानी को साफ किया जा रहा है।
नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक राजीव त्यागी ने बताया कि देश का पहला ग्रीन लंग्स होगा। जिसमें पशु पक्षी वास करेंगे, साथ ही लोगों के लिए यह पर्यटन व आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसका निर्माण जल्द पूरा कर लिया जाएगा। यहां कार्य शुरू कर दिया गया है।दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने लिए यहां क्लिक करेंलोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
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