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Lalu-Tejashwi Yadav की मुश्किलें बढ़ना तय! ED के आरोपपत्र पर अदालत 24 तारीख को ले सकती है संज्ञान

Land for Jobs money laundering case जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं। ईडी द्वारा दायर किया गया आरोपपत्र पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट 24 अगस्त को फैसला सुना सकती है। इस केस में लालू यादव के परिवार को भी आरोपी बनाया गया है।

By Ritika Mishra Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 17 Aug 2024 04:00 PM (IST)
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लालू-तेजस्वी पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपपत्र पर कोर्ट जल्द लेगी संज्ञान।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की ओर से पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav) और अन्य आरोपितों के खिलाफ दायर पूरक आरोप पत्र अदालत 24 अगस्त को संज्ञान ले सकती है।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने मामले में आरोपितों को समन जारी करने पर फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत अब समन जारी करने के लिए 24 अगस्त को फैसला सुनाएगी।

आरोपपत्र में 11 और आरोपितों के नाम दर्ज

इससे पहले अदालत ने आरोपपत्र ( Land for Jobs money laundering case) पर संज्ञान लेने के निर्णय को 17 अगस्त तक ये कहकर स्थगित कर दिया था कि दस्तावेज बहुत बड़े हैं। ईडी ने पूरक आरोपपत्र छह अगस्त को दायर किया था। आरोपपत्र में 11 और आरोपितों के नाम हैं।

इसमें ललन चौधरी, हजारी राय, धर्मेंद्र कुमार, अखिलेश्वर सिंह, रविंदर कुमार, स्वर्गीय लाल बाबू राय, सोनमतिया देवी, स्वर्गीय किशुन देव राय और संजय राय के नाम भी हैं। इस मामले में बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा समेत अन्य आरोपियों पर ईडी पहले ही आरोप लगा चुकी है।

ईडी का मामला सीबीआई द्वारा दर्ज केस से निकला

ईडी का मामला सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी से निकला है। ईडी के अनुसार, यह मामला वर्ष 2004 से 2009 तक लालू यादव ( Lalu yadav) के रेल मंत्री रहने के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है, जिसके एवज में नियुक्ति पाने वाले लोगों द्वारा लालू यादव परिवार या सहयोगियों के नाम पर जमीनों का उपहार के रूप में या सस्ते मूल्य पर हस्तांतरण किया गया था।

इस मामले में एके इंफोसिस्टम और एबी एक्सपोर्ट नाम की दो फर्मों को भी ईडी आरोपित बना चुकी है। ईडी (ED News) ने कहा था कि वर्ष 2006-07 में अमित कत्याल ने एके इंफोसिस्टम का गठन किया था और उसका व्यवसाय आईटी डाटा विश्लेषण का था। कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं किया गया।

इसके बजाय कंपनी द्वारा जमीनों के कई टुकड़े खरीदे गए। एक जमीन का टुकड़ा जमीन के बदले नौकरी घोटाले के अपराध से संबंधित है। ईडी ने कहा था कि इस कंपनी को वर्ष 2014 में एक लाख रुपये के बदले राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम पर स्थानांतरित किया गया था।

ईडी ने नौ जनवरी, 2024 को भूमि अधिग्रहण घोटाले के मनी लांड्रिंग मामले में अभियोजन शिकायत दायर की थी। ईडी ने बताया कि एबी एक्सपोर्ट निर्यात के व्यवसाय में थी। इसे वर्ष 1996 में निगमित किया गया था। वर्ष 2007 में, पांच कंपनियों के माध्यम से पांच करोड़ रुपये आए और न्यू फ्रेंड्स कालोनी में एक संपत्ति खरीदी गई।

वहीं, इस मामले में जमीन के सात टुकड़े शामिल हैं। इनमें से राबड़ी देवी, उनकी बेटी हेमा यादव और मीसा भारती को जमीन के टुकड़े मिले। बाद में उन्होंने अपनी जमीन के टुकड़े बेच दिए। ईडी ने आरोप लगाया था कि लालू यादव परिवार के सदस्य अपराध की आय के लाभार्थी हैं।

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