इंजीनियर रशीद की अंतरिम जमानत याचिका पर अदालत ने NIA से मांगा जवाब, लोकसभा सदस्य के तौर पर लेना चाहते हैं शपथ
रशीद के अधिवक्ता ने दलील दी कि राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को हाल ही में शपथ लेने के लिए हिरासत पैरोल की अनुमति दी गई थी। जिस पर अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि रशीद के खिलाफ लगाए गए आरोप दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोपों से अलग हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वर्ष 2017 में जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार इंजीनियर राशिद की अंतरिम जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट से समय मांगा।
अदालत ने एनआईए के आवेदन को स्वीकार करते हुए उसे एक जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किरण गुप्ता ने मामले की सुनवाई एक जुलाई को तय की और एनआईए को तब तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। रशीद ने 2024 के लोकसभा चुनावों में बारामुला में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था।
संजय सिंह को पैरोल पर मिली थी अनुमति
रशीद के अधिवक्ता ने दलील दी कि राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को हाल ही में शपथ लेने के लिए हिरासत पैरोल की अनुमति दी गई थी। जिस पर अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि रशीद के खिलाफ लगाए गए आरोप, दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोपों से अलग हैं।रशीद ने भारी बहुमत से जीता चुनाव
रशीद की ओर से पेश अधिवक्ता विख्यात ओबेराय ने कहा कि उनके मुवक्किल ने भारी बहुमत से चुनाव जीता है। उनके मुवक्किल का संवैधानिक कर्तव्य है। अधिवक्ता ने दलील दी कि अदालत जेल अधिकारियों और एनआईए को लोकसभा सचिवालय से संपर्क करने का निर्देश दे सकती है या लोकसभा सचिवालय को रशीद की शपथ लेने की तिथि निर्दिष्ट करने का निर्देश दे सकती है।
रशीद ने शपथ लेने के लिए दायर की याचिका
उल्लेखनीय है कि नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों को 24, 25 और 26 जून को शपथ लेनी है। रशीद ने शपथ लेने और अपने संसदीय कार्यों को करने के लिए अंतरिम जमानत या वैकल्पिक रूप से हिरासत पैरोल की मांग करते हुए अदालत में याचिका दायर की है।रशीद 2019 से जेल में बंद हैं। एनआइए ने उस पर आतंकी फंडिंग मामले में संलिप्तता के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाया था।
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