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अमेरिकी नागरिकों से 15 मिलियन US डॉलर की धोखाधड़ी का मामला, तीन आरोपियों को CBI और 40 को न्यायिक हिरासत

राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में तीन आरोपियों को चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। वहीं अन्य 40 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपियों को 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी के संबंध में गिरफ्तार किया गया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट निशांत गर्ग ने कहा कि वो गिरफ्तारी के आधार से संतुष्ट हैं।

By Ritika Mishra Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 27 Jul 2024 11:58 PM (IST)
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अमेरिकी नागरिकों से 15 मिलियन US डॉलर की धोखाधड़ी का मामला, CBI की हिरासत में भेजे गए आरोपी
जागरण संवाददाता, न‌ई दिल्ली। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में तीन आरोपियों को चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। वहीं, अन्य 40 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपियों को 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी के संबंध में गिरफ्तार किया गया है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट निशांत गर्ग ने कहा कि वो गिरफ्तारी के आधार से संतुष्ट हैं। कोर्ट ने कहा कि अपराधों की अंतरराष्ट्रीय प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए, आरोपियों को सुबूतों से छेड़छाड़ करने, गवाहों को प्रभावित करने, अपराधों को दोहराने से रोकने के लिए और शीघ्र और निष्पक्ष जांच के लिए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने की आवश्यकता है।

हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत

कोर्ट ने कहा कि जहां तक ​​आरोपित ध्रुव खट्टर, धैर्य खट्टर और तुषार अरोड़ा का सवाल है, साजिश का पता लगाने और सुबूत जुटाने के लिए उनकी हिरासत में पूछताछ जरूरी है। इससे पहले, सीबीआई ने दिल्ली, गुड़गांव और नोएडा में सात स्थानों पर तलाशी ली थी।

सीबीआई ने अदालत से धैर्य, ध्रुव खट्टर और तुषार अरोड़ा की सात दिन की हिरासत देने का अनुरोध किया था। सीबीआई ने कहा कि साजिश और मास्टरमाइंड का पता लगाने के लिए आरोपियों की हिरासत की जरूरत है।

अमेरिकी नागरिकों से की धोखाधड़ी

सीबीआई ने नवंबर 2022 से अप्रैल 2024 की अवधि के दौरान अमेरिकी नागरिकों से 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी करने के आरोप में आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपित गुरुग्राम में कॉल सेंटर चलाकर पीड़ितों को ठग रहे थे। पीड़ितों में से एक से 6.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ठगी की गई थी।

43 लोग चला रहे रैकेट

सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा कि कॉल सेंटर से प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर पाया गया और इस मामले में अमेरिका भी शामिल है, एफबीआई भी शामिल है। सीबीआई ने कहा कि 43 लोग हैं और वो एक रैकेट चला रहे हैं।

सीबीआई ने पुलिस हिरासत की मांग करते हुए कहा कि एक कार से धैर्य खट्टर के तीन मोबाइल फोन मिले हैं, डायरी में अमेरिकी डॉलर के लेन-देन का उल्लेख है। अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि मामले में 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर का लेन-देन शामिल है। 

आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में नहीं बताया

सीबीआई ने साजिश का पता लगाने और पूछताछ करने के लिए क्लाउड सपोर्ट इंजीनियर तुषार अरोड़ा की हिरासत मांगी। वहीं, आरोपियों की ओर से पेश अधिवक्ता ने हिरासत की मांग करने वाले आवेदन का विरोध किया। अधिवक्ता ने तर्क दिया गया कि सीबीआई ने 24 जुलाई की रात को परिसर में छापा मारा और उनकी गिरफ्तारी की। आरोपियों को गिरफ्तारी के आधार के बारे में भी नहीं बताया गया।

सीबीआई के अधिवक्ता ने दलील दी कि आरोपियों को गिरफ्तारी के आधार बताए गए थे और सर्च वारंट प्राप्त करने के बाद तलाशी ली गई थी, जो कई घंटों तक चली और उसके बाद ही आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

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