IIT दिल्ली के पूर्व छात्र ने हाईकोर्ट से जज के लिए मांगी मौत की सजा, अब छह महीने काटेगा जेल की हवा; जानिए पूरा मामला
न्यायाधीश के लिए मौत की सजा की मांग करने वाले आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के पूर्व छात्र को दिल्ली हाईकोर्ट ने छह महीने जेल की सजा सुनाई है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति शैलिंदर कौर की पीठ ने कहा कि वादी नरेश शर्मा को अपने आचरण और कार्यों पर कोई पश्चाताप नहीं है। नरेश के खिलाफ अगस्त में आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू की गई थी।
By Vineet TripathiEdited By: GeetarjunUpdated: Wed, 01 Nov 2023 06:37 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। न्यायाधीश के लिए मौत की सजा की मांग करने वाले आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के पूर्व छात्र को दिल्ली हाईकोर्ट ने छह महीने जेल की सजा सुनाई है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति शैलिंदर कौर की पीठ ने कहा कि वादी नरेश शर्मा को अपने आचरण और कार्यों पर कोई पश्चाताप नहीं है। नरेश के खिलाफ अगस्त में आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू की गई थी।
पीठ ने कहा कि नरेश को अदालत की अवमानना अधिनियम-1971 का दोषी पाया गया है और उन्हें दो हजार रुपये के जुर्माने के साथ छह महीने की अवधि के लिए साधारण कारावास की सजा सुनाई जाती है। जुर्माना अदा न करने पर सात दिनों की साधारण कैद भुगतनी होगी। अदालत ने शर्मा को हिरासत में लेकर तिहाड़ जेल को सौंपने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा कि शर्मा ने अपनी शिकायत में एकल न्यायाधीश को चोर कहा था। शर्मा के कथन पर हैरानी व्यक्त करते हुए पीठ ने कहा कि देश के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे न्यायालय की गरिमा और कानून की न्यायिक प्रक्रिया को बनाए रखते हुए अपनी शिकायतों को सभ्य तरीके से सामने रखेंगे।
अपमानजनक जवाब किया दायर
अदालत ने कहा कि अवमाननाकर्ता ने आक्रोश के कारण याचिकाओं को प्राथमिकता दी, लेकिन कारण बताओ नोटिस जारी होने के बावजूद अत्यधिक अपमानजनक जवाब दायर किया। अवमाननाकर्ता ने एकल पीठ के लिए बेहद अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है।
मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा
अदालत ने उक्त टिप्पणी 20 जुलाई को पारित एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली नरेश शर्मा की अपील पर सुनवाई करते हुए की। शर्मा ने एकल न्यायाधीश के समक्ष आरोप लगाया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है।ये भी पढ़ें- Delhi HC ने एक्सप्रेस वे पर टू-थ्री व्हीलर या ट्रैक्टर जैसे धीमे वाहनों पर रोक को लेकर दिए सख्त निर्देश
नरेश शर्मा ने अपील याचिका दायर कर 20 जुलाई के एकल पीठ के निर्णय को चुनौती दी थी। एकल पीठ ने नरेश शर्मा की याचिका को खारिज करते हुए 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। नरेश ने उक्त याचिका में आरोप लगाया था कि भारत के संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है।
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