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Covid in Delhi: अस्पतालों में बढ़े संसाधन, लेकिन स्टाफ की कमी बरकरार; जानिए दिल्ली में क्या है कोविड के इंतजाम

कोरोना संक्रमण के मामले विश्व के 6 देशों में लगातार बढ़ रहे है। संभावित लहर को लेकर दिल्ली के अस्पतालों में भी तैयारी पूरी रखने के निर्देश दे दिए गए है। अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए संसाधन तो बढ़े हैं लेकिन स्टाफ की कमी बरकरार है।

By Rahul ChauhanEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Mon, 26 Dec 2022 10:12 PM (IST)
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कुछ महीनों के लिए की गई थी स्टाफ की भर्ती
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। विश्व के 6 देशों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण कोरोना की एक और लहर के खतरे की आहट सुनाई देने लगी है। संभावित लहर को लेकर दिल्ली के अस्पताल कितने तैयार हैं इसकी बात करें तो इन अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए संसाधन तो बढ़े हैं लेकिन सभी अस्पतालों में स्टाफ की कमी है।

इन संसाधानों में बढ़ी संख्या

संसाधनों में बेड, ऑक्सीजन बेड, ICU और ऑक्सीजन प्लांट की संख्या बढ़ी है, लेकिन किसी भी अस्पताल में डाक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या पूरी नहीं है। दिल्ली सरकार के दिल्ली कोरोना ऐप पर उपलब्ध आंकड़ों की बात करें तो छोटे बड़े सरकारी और निजी अस्पतालों में मिलाकर कुल आठ हजार 275 बेड कोरोना मरीजों के लिए अभी आरक्षित हैंं। इनमें से सात हजार 820 आक्सीजन बेड और 1932 ICU बेड हैं।

इन अस्पतालों में स्टाफ की कमी

दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल लोकनायक से लेकर गुरू तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी), राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, बुराड़ी अस्पताल, संजय गांधी अस्पताल, बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल और इंदिरा गांधी अस्पताल सहित सारे अस्पतालों में स्टाफ की कमी है। इसकी वजह से यहां कार्यरत डाक्टरों, नर्सों व स्वास्थ्यकर्मियों पर काम का अधिक दबाव रहता है। इससे मरीजों की देखभाल प्रभावित होती है।

लोकनायक अस्पताल में करीब 1500 बेड, जीटीबी में 1250 बेड, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी में 300, बुराड़ी अस्पताल में 125 व संजय गांधी अस्ताल में 300 बेड आक्सीजन पाइपलाइन से जोड़ दिए गए हैं।

कुछ महीनों के लिए की गई थी स्टाफ की भर्ती

कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए इन सभी अस्पतालों में दैनिक वेतन के आधार पर कुछ महीने के लिए स्टाफ की भर्ती की गई थी। तीसरी लहर गुजर जाने के कुछ महीने बाद इन सभी स्टाफ को हटा दिया गया। जिसके बाद सभी अस्पतालों में फिर से स्टाफ की कमी बरकरार है। हालांकि, अस्पतालों ने मौजूद स्टाफ को कोरोना को लेकर अलर्ट कर दिया है।

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अस्थाई कोविड सेंटर भी हटाए गए

साथ ही कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्दी ही दिल्ली सरकार की ओर से इन्हें फिर से स्टाफ की भर्ती करने के निर्देश जारी हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि दूसरी लहर के दौरान पुरानी दिल्ली स्थित रामलीला मैदान और जीटीबी अस्पताल के सामने स्थित रामलीला मैदान में 500-500 बेड के अस्थाई कोविड केयर सेंटर बनाए गए थे।

इनको अगस्त माह में हटा दिया गया था। साथ ही इनमें कार्यरत डाक्टर, नर्स व स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई थीं। लोकनायक अस्पताल से भी यहां कार्यरत 96 नर्सों के हटाया गया था।

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