Crime in Delhi: दिल्ली में विदेशियों द्वारा किए गए अपराधों की संख्या बढ़ी, 2021 में 91.6 प्रतिशत की हुई वृद्धि- NCRB
Crime in Delhi Report राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। केंद्र शासित प्रदेशों के बीच राजधानी दिल्ली में विदेशी नागरिकों द्वारा किए गए अपराधों वृद्धि हुई है। पिछले साल की तुलना में 2021 में 91.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। केंद्र शासित प्रदेशों के बीच राजधानी दिल्ली में विदेशी नागरिकों द्वारा किए गए अपराधों वृद्धि हुई है। पिछले साल की तुलना में 2021 में 91.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
न्यूज एजेंसी के अनुसार, एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से अधिकतर अपराध अन्य एशियाई देशों के नागरिकों के अलावा अफ्रीकी और म्यांमार के नागरिकों द्वारा किए गए। साल 2020 में कोविड महामारी के दौरान विदेशियों द्वारा किए गए अपराधों की संख्या 168 थी, जो 2021 में बढ़कर 322 हो गई। इस तरह अपराधों में 91.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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मेडिकल वीजा पर आकर करते हैं गैर कानूनी काम
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि इलाज के बहाने भारत आने वाले कई अफ्रीकी नागरिक अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी अवैध रूप से भारत में रहते हैं। उन्होंने कहा कि जहां कुछ लोग मेडिकल वीजा पर भारत आते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो मेडिकल वीजा पर आकर यहां ड्रग्स की तस्करी, धोखाधड़ी और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं।
करते हैं छापेमारी
उन्होंने कहा कि गुपचुप तरीके से लोकल इनपुट लेकर किराए पर रहने वाले लोगों के यहां छापे मारी कर सत्यापन करते हैं। जो अवैध रूप से रह रहे होते हैं, उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाता है।
विदेशियों पर इन धाराओं में ज्यादा दर्ज किए गए मुकदमे
आंकड़ों से पता चला है कि विदेशियों द्वारा किए गए अधिकांश अपराध विदेशी अधिनियम, 1946 और विदेशियों के पंजीकरण अधिनियम, 1939, नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक पदार्थ अधिनियम, 1985 के अंतर्गत आते हैं।
दिल्ली में विदेशियों पर होने वाले क्राइम की संख्या में आई गिरावट
इसी बीच अच्छी बात ये है कि दिल्ली में विदेशियों के खिलाफ होने वाले अपराधों की संख्या में गिरावट आई है। 2020 में ऐसे मामलों की संख्या 62 थी, दो 2021 में 27 हो गई। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक विदेशियों के खिलाफ होने वाले अधिकांश अपराधों में धोखाधड़ी, दुष्कर्म और चोरी के मामले शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा कि विदेशियों पर आपराधिक मामलों की संख्या में कमी आने की एक बड़ी वजह लॉकडाउन भी है। क्योंकि इस दौरान उड़ाने प्रतिबंधित थीं।