स्पा सेंटरों में जारी रहेगा क्रॉस-जेंडर मसाज, दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाने की याचिका की खारिज
राष्ट्रीय राजधानी में स्पा या मसाज केंद्रों में क्रॉस-जेंडर मसाज पर प्रतिबंध लगाने की मांग संबंधी याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत सिंह अरोड़ा की पीठ ने कहा कि एकल न्यायाधीश के समक्ष मामला विचाराधीन है ऐसे में जनहित याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है। यह याचिका अनुज मल्होत्रा ने दायर की थी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में स्पा या मसाज केंद्रों में क्रॉस-जेंडर मसाज पर प्रतिबंध लगाने की मांग संबंधी याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत सिंह अरोड़ा की पीठ ने कहा कि एकल न्यायाधीश के समक्ष मामला विचाराधीन है, ऐसे में जनहित याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है।
दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग
याचिकाकर्ता अनुज मल्होत्रा ने जनहित याचिका दायर करके दिल्ली सरकार को स्पा या मसाज केंद्रों की रिकॉर्डिंग नियमित आधार पर दिल्ली महिला आयोग के साथ साझा करने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी।मल्होत्रा ने कहा कि स्पा/मसाज केंद्रों के संचालन के लिए तय किए गए दिशानिर्देश का उल्लंघन करते हुए बंद कमरों में इस तरह की मसाज दी जा रही थी और इसके कारण अवैध देह व्यापार का संचालन और प्रसार हुआ।
क्या है क्रॉस जेंडर मसाज
क्रॉस-जेंडर मसाज (मालिश) का मतलब है कि किसी पुरुष की मालिश कोई महिला करे या किसी महिला की मालिश कोई पुरुष करे।ये भी पढ़ेंः दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर तैनात CISF जवान ने गोली मारकर की आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस
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