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सोलर ट्री से जगमगाएंगे दिल्ली कैंट के चौराहे और गोलचक्कर, PWD ने बनाई ये शानदार योजना

Delhi Solar Trees दिल्ली के लोगों के लिए अच्छी खबर है। दिल्ली कैंट इलाके के चौराहों और गोलचक्कर की अब खूबसूरती बढ़ने वाली है। लोक निर्माण विभाग अब नौ सोलर ट्री लगाने जा रही है। एक सोलर ट्री में 12 पत्तियां रहेंगी जिन पर सोलर पैनल मौजूद होंगे। खबर के माध्यम से पढ़ें कि यह कैसे और किस तरह से काम करेंगी।

By Rishabh bajpai Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Tue, 12 Nov 2024 04:05 PM (IST)
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Delhi News: रोशन करने के लिए बिजली लेने की नहीं होगी जरूरत। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। दिल्ली कैंट इलाके के चौराहों और गोलचक्कर की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने नौ सोलर ट्री लगाने का प्लान तैयार किया है, जिससे इलाके की सड़कें रोशनी से जगमगा उठेंगी। एक सोलर ट्री में 12 पत्तियां होंगी, जिन पर सोलर पैनल लगे होंगे।

खास बात यह है कि जो सोलर ट्री चौराहों या गोलचक्कर पर लगाए जाएंगे उन्हें रोशन करने के लिए बीएसईएस से बिजली लेने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि ट्री की पत्तियों पर लगे सोलर पैनल के जरिए ही ट्री को बिजली की आपूर्ति होगी जिससे वह जगमग हो उठेंगे। इससे बिजली की खपत भी नहीं होगी और रोशनी भी सड़कों पर भरपूर रहेगी।

नौ सोलर ट्री लगाने में आएगी 91.84 लाख रुपये की लागत 

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने ब्यूटीफिकेशन प्रोजेक्ट के तहत नौ सोलर ट्री लगाने के लिए सदर शास्त्री बाजार गोल चक्कर सहित अन्य कुछ जगहों पर लगाने की योजना बनाई है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार नौ सोलर ट्री लगाने में 91.84 लाख रुपये की लागत आएगी। यह सोलर ट्री पूरा स्टील का बना हुआ होगा।

फाइल फोटो।

एक ट्री पर करीबन 10-10 पत्तियां होंगी, जिनके ऊपर सोलर पैनल लगे होंगे। एक सोलर पैनल से 10 वाट तक की बिजली तैयार होगी जिससे पेड़ जगमग होंगे। इसके लिए कहीं बाहर से बिजली नहीं लेनी होंगी। इससे बिजली की बचत होगी और सड़कों पर यह चार चांद लगाने का भी काम करेंगे। एक सोलर ट्री की ऊंचाई 12 से 13 फीट तक रखी जाएगी।

अलग हो सकता है दिल्ली कैंट के सोलर ट्री का डिजाइन

पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ने बताया कि ब्यूटीफिकेशन प्रोजेक्ट में सोलर ट्री कुछ ही जगहों पर ही लगे हैं। जैसे पालिका बाजार के पास और द्वारका सेक्टर-21 मेट्रो स्टेशन पर सोलर ट्री लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि दिल्ली कैंट के सोलर ट्री का डिजाइन इनकी डिजाइनों से अलग हो सकता है, जो कि इसे और भी खास बना सकता है। अभी प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। प्रोजेक्ट पास होते ही इलाकों में सोलर ट्री लगने शुरू हो जाएंगे।

लाखों के खर्च की होगी बचत

सड़कों के चौराहों या गोलचक्कर पर सोलर ट्री लगने से लाखों के बिजली बिल के खर्च की बचत होगी। अधिकारी के मुताबिक चौराहों या गोलचक्कर पर जहां भी बड़ी-बड़ी एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगी हैं उससे बिजली का बिल काफी आता है।

अलग-अलग सिविक एजेंसियां इसके लिए लाखों का खर्च करती हैं, उसकी भी बचत होगी। साथ ही लाइट नहीं भी आ रही होगी तो भी सोलर ट्री की जगमग रहेंगी।

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