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DU Admissions 2024: अब तक घोषित नहीं हुए सीयूईटी के परिणाम, डीयू के सत्र पर पड़ेगा असर

सीयूईटी के परिणाम अब तक नहीं घोषित किए गए हैं। इसका असर दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया पर पड़ेगा। दरअसल डीयू में स्नातक और स्नातकोत्तर के प्रवेश सीयूईटी के अंकों के आधार पर लिए जाते हैं। डीयू में 68 कॉलेजों की 71 हजार सीटों पर एडमिशन होने हैं। वहीं अब नेट की नई तिथि घोषित की गई है। इससे पीएचडी में प्रवेश भी देरी से होंगे।

By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 02 Jul 2024 07:59 AM (IST)
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दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर में एडमिशन सीयूईटी के अंकों के आधार पर होता है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) में मची उथलपुथल के बाद सीयूईटी स्नातक के परिणाम अब तक जारी नहीं किए जा सके हैं। पहले 30 जून को परिणाम जारी करने की तिथि दी गई थी, लेकिन समय बीत चुका है और अभी तक आंसर-की भी जारी नहीं की जा सकी है।

इसका सीधा असर दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया पर पड़ेगा। इसके देर होने की पूरी संभावना है। इससे डीयू का सत्र भी प्रभावित हो सकता है, जो एक अगस्त से शुरू होना है। दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर के प्रवेश सीयूईटी के अंकों के आधार पर होते हैं।

डीयू में 71 हजार सीटों पर होने हैं प्रवेश

स्नातकोत्तर की प्रवेश प्रक्रिया जारी है, पहले दौर के प्रवेश हो चुके हैं। लेकिन, स्नातक की प्रक्रिया का पहला चरण ही जारी है। इसमें छात्र अपनी निजी जानकारियां भरकर सीएसएएस पोर्टल पर पंजीकरण करा रहे हैं। प्रक्रिया का मुख्य चरण शुरू नहीं हो सका है। डीयू में 68 कॉलेजों की 71 हजार सीटों पर प्रवेश किए जाने हैं।

डीयू की प्रवेश शाखा के अधिकारी ने कहा, हमारी तैयारी पूरी है। परिणामों के लिए एनटीए पर निर्भर हैं। जैसे परिणाम घोषित होंगे, प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। हालांकि, पहले परिणाम जारी होना चाहिए। सीयूईटी रिजल्ट से पहले एनटीए प्रोविजनल आंसर-की जारी करेगा, छात्र उसे चैलेंज करेंगे, जिसके बाद एनटीए फाइनल आंसर-की जारी करेगी।

डीयू ने एक अगस्त से की है नवीन सत्र की घोषणा

इस पूरी प्रक्रिया में एक हफ्ते का समय लगेगा। सीयूईटी परिणाम आने के बाद छात्रों को कॉलेज व कोर्स की च्वाइस भरनी होगी। इसके आधार पर मेरिट लिस्ट बनाकर पहली सूची जारी की जाएगी। इस प्रक्रिया में लगभग 15 दिन का समय लगेगा। डीयू ने इस साल एक अगस्त से नवीन सत्र शुरू करने की घोषणा की है, लेकिन परिणाम 10 जुलाई तक भी आते हैं, तो एक अगस्त तक कक्षाएं शुरू करना चुनौती से कम नहीं होगा।

डीयू को प्रवेश प्रक्रिया के समय को घटाना होगा, लेकिन इससे प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। अगर अधिक देरी हुई तो छात्र प्राइवेट संस्थानों का रुख कर सकते हैं। डीयू में प्रवेश प्रक्रिया लगभग तीन चरणों में होती है। पहले दो चरण सामान्य होते हैं और एक चरण सुपरन्यूमैरी कोटे की सीटों के लिए होता है। इसमें खेल और पाठ्येत्तर गतिविधियों के प्रवेश होते हैं।

पिछले वर्ष सितंबर तक खिंच गई थी प्रवेश प्रक्रिया

यह परफार्मेंस पर आधारित होते हैं। इनकी प्रवेश प्रक्रिया में देरी हो सकती है। एक अगस्त से सत्र शुरू होगा तो बहुत कम छात्र कक्षाओं में आ पाएंगे। पिछले वर्ष सबकुछ सामान्य था तब भी प्रवेश प्रक्रिया सितंबर महीने तक खिंच गई थी।

इसके चलते बाद में प्रवेश लेने वाले छात्रों की परीक्षाएं फरवरी मार्च में आयोजित हुई थीं। क्योंकि अभी सीयूईटी के परिणाम ही घोषित नहीं हुए हैं तो प्रक्रिया और लंबी चल सकती है। इस साल सीयूईटी 15 मई से 31 मई तक हुई थी। उम्मीद थी कि जल्दी परिणाम घोषित हो जाएंगे।

पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में भी हो जाएगी देरी

अब नेट की नई तिथि घोषित कर दी गई है। 21 अगस्त से चार सितंबर तक होगी। नेशनल कामन एंट्रेंस टेस्ट (एनसीईटी) 10 जुलाई को होगी। डीयू में पिछले वर्ष से नए इंटिग्रेटेड टीचर्स प्रोग्राम की शुरुआत की गई है।

डीयू के तीन कॉलेजों के साथ शिक्षा विभाग में 60-60 सीटों के साथ यह शुरू किया गया है। इसकी प्रवेश प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है। इसके अलावा इस वर्ष से नेट के जरिये पीएचडी में प्रवेश होने जा रहे हैं।

छात्रों का कहना है कि सितंबर में परीक्षाएं होंगी तो परिणाम सितंबर के आखिरी या अक्टूबर के पहले सप्ताह तक जारी होंगे। प्रवेश पूरे होने तक दिसंबर हो जाएगा। इससे काफी नुकसान होगा।

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