Nuh Violence: हिंसा के 13 दिन बाद बाजार में लौटी रौनक, 14 और 15 अगस्त को कर्फ्यू में दी जाएगी 14 घंटे की ढील
नूंह जिले में हिंसा के बाद अब हालात सामान्य हो रहे हैं। हालांकि अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है लेकिन धीरे-धीरे अब कर्फ्यू में ढील देने का समय बढ़ाया जा रहा है। प्रशासन ने 14 और 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) के दिन कर्फ्यू में 14 घंटे ढील देने की बात कही है। इसके अलावा तावड़ू में भी हिंसा के 13 दिनों पर बाद बाजार में रौनक लौट आई।
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Sun, 13 Aug 2023 08:22 PM (IST)
नूंह, जागरण संवाददाता। नूंह जिले में हिंसा के बाद अब हालात सामान्य हो रहे हैं। हालांकि अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है, लेकिन धीरे-धीरे अब कर्फ्यू में ढील देने का समय बढ़ाया जा रहा है। प्रशासन ने 14 और 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) के दिन कर्फ्यू में 14 घंटे ढील देने की बात कही है। इसके अलावा तावड़ू में भी हिंसा के 13 दिनों पर बाद बाजार में रौनक लौट आई।
नूंह जिला प्रशासन के अनुसार, 14 और 15 अगस्त (सोमवार और मंगलवार) को सुबह छह बजे से शाम आठ बजे तक ढील दी जाएगी। इस तरह लोग अपना स्वतंत्रता दिवस की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे से मना सकते हैं। स्कूल-कॉलेज भी अब खुल चुके हैं। बता दें कि 15 अगस्त को देश अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।
हिंसा मामले में छह आरोपित हुए गिरफ्तार, कुल संख्या 227 हुई
31 जुलाई को हुई हिंसा में शामिल उपद्रवियों की धरपकड़ एसटीएफ और पुलिस की टीमों की ओर से लगातार जारी है। रविवार की सुबह पांच बजे पुलिस ने बड़कली चौक खेड़ला, नाई, फिरोजपुर झिरका सहित एक दर्जन से अधिक गांवों में छापेमारी कर 16 युवकों को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद छह को गिरफ्तार कर अन्य को छोड़ दिया।हिंसा बाद दर्ज हुईं 59 एफआईआर में शनिवार देर शाम तक गिरफ्तार किए गए आरोपितों की संख्या 227 हो गई। 23 संदिग्ध पुलिस हिरासत में हैं। सोमवार को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक कर्फ्यू में छूट रही है। कहीं से किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई। इंटरनेट सेवा शुरू की जाएगी इस पर अधिकारियों की बैठक हो रही है। देर रात निर्णय लिया जा सकता है।
हिंसा के 13 दिन बाद बाजार में लौटी रौनक
31 जुलाई को नूंह में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान भड़की हिंसा की आग तो ठंडी पड़ गई, लेकिन इसके निशान लंबे समय तक लोगों को पीड़ा देते रहेंगे। हिंसा के दंश से बाहर निकल बाजारों की रौनक एक बार फिर लौटने लगी है। शुरू में तो जिंदगी थमती सी नजर आई, धीरे-धीरे रैंगी और फिर अपनी रफ्तार से दौड़ने लगी।एडीजीपी ममता सिंह उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा और एसपी नरेंद्र बिजारणिया के प्रयास के रंग दिखाने लगे हैं। तीनों की अधिकारियों ने हिंसा के बाद तावडू का आठ दिन दौरा किया और प्रभावशाली लोगों की मदद लेकर लोगों को सुरक्षा की भावना पैदा की। हिंसा वाले दिन जमकर पत्थरबाजी भी चली। सैकड़ों गाड़ियां आग के हवाले कर दी गई। उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया और कई दर्जन दुकानों को आग के हवाले कर दिया।
लोगों का कहना है कि ऐसे हालात तो देश के बंटवारे के समय भी नहीं हुए। पत्थर तथा गोली लगने से दो होमगार्ड सहित छह लोगों की मौत हो गई थी।
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