Cyber Fraud: झारखंड व पश्चिम बंगाल के ठग खाली कर रहे दिल्लीवालों के खाते, बरतें ये सावधानी
झारखंड पश्चिम बंगाल और बिहार के ठग दिल्ली व आसपास के राज्यों में सक्रिय हैं। पूछताछ में यह भी जानकारी मिली थी कि कुछ ठग आयुष्मान योजना वोटर आइकार्ड और पीएम विकास योजना की फर्जी वेबसाइट के माध्यम से ठगी कर रहे थे।
नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। दिल्ली के द्वारका में पिछले माह पकड़े गए ठगों से पूछताछ में मिले सुराग से दिल्ली पुलिस को झारखंड के जामताड़ा में एक और सफलता मिली है। दरअसल, लाकडाउन में ठगी की ताबड़तोड़ वारदातों के बाद दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को सक्रिय किया गया था। इस टीम को जांच में झारखंड के जामताड़ा व अन्य जिलों के ठगों के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी। इसी का नतीजा है कि झारखंड के पांच जिलों से 11 दिन में पांच साइबर ठगों को दबोचा गया है। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में और अपराधियों की धरपकड़ की जा सकती है। झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल के साइबर ठगों की भी दिल्ली पुलिस को तलाश है।
दरअसल राजधानी में अप्रैल से जुलाई के बीच साइबर ठगी की बड़ी संख्या में घटनाएं सामने आई हैं। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इन मामले में वर्ष 2020 में करीब 41 ठगों को गिरफ्तार किया था। वहीं, कॉल सेंटर के माध्यम से लोगों से ठगी करने वाले 125 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया।
ऐसे हो रही ठगी
इनसे पूछताछ में दिल्ली पुलिस को पता चला था कि झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार के ठग दिल्ली व आसपास के राज्यों में सक्रिय हैं। इसके बाद एक टीमों को झारखंड रवाना किया गया था। पूछताछ में यह भी जानकारी मिली थी कि कुछ ठग आयुष्मान योजना, वोटर आइकार्ड और पीएम विकास योजना की फर्जी वेबसाइट के माध्यम से ठगी कर रहे थे।
बरतें ये सावधानी
अधिकांश ठगी की घटनाएं लोगों की खुद की लापरवाही की वजह से हुई थी। साइबर ठगी से बचने के लिए लोग बैंक खाता व एटीएम संबंधी कोई भी जानकारी फोन पर किसी को न दें। वहीं, लाकडाउन के दौरान अ प्रैल से जुलाई तक हर महीने साइबर ठगी के 4500 मामले सामने आ रहे थे। इसमें सबसे ज्यादा 62 फीसद ऑनलाइन रुपया ठगने की शिकायतें थीं। 24 फीसदी मामले आनलाइन मीडिया से संबंधित थे।
किसी को गलत नंबर से ठगा तो किसी को लिंक और एप से
ठगों ने अलग-अलग तरीके से लोगों को ठगा है। द्वारका के बिंदापुर थाना क्षेत्र की एक महिला के खाते से 10 लाख रुपये उड़ा लिए। महिला का पर्स खो गया, जिसमें एटीएम कार्ड था। कार्ड ब्लॉक करने के लिए उसने बैंक का कस्टमर केयर नंबर गूगल में सर्च किया और वहां मिले नंबर पर फोन किया। यह नंबर ठग का था। ठग ने महिला का कार्ड ब्लॉक करने के नाम पर सारी जानकारी हासिल कर खाते से रकम निकाल ली। दूसरा मामला दिल्ली के मोहन गार्डन थाना क्षेत्र का है। यहां भी पीड़ित गूगल सर्च में ठगों द्वारा डाले गए कस्टमर केयर के गलत नंबर का शिकार हुआ।
फोन करने पर साइबर ठग ने खाताधारक से मोबाइल में एक एप डाउनलोड करने को कहा, जिसके बाद उसके खाते से एक लाख एक हजार रुपये निकल गए। तीसरा मामला द्वारका नार्थ थाना का है। इसमें खाताधारक को साइबर ठग ने मोबाइल से कॉल कर बताया कि आपका सेविंग अकाउंट बंद हो रहा है। केवाईसी करा लें। केवाईसी करवाने के लिए ठग ने लिंक भेजा। डिटेल भरते ही खाते से 1.37 लाख रुपये निकल गए।
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