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दिल्ली से टला नहीं खतरा, मानसून की तैयारियां कागजों में अधिक जमीन पर कम; बारिश से फिर उत्पन्न होगा जलभराव

दिल्ली में मानसून से पहले ही एक बार ठीक से वर्षा हुई है इसे मानसून की पहली वर्षा भी मान लें तो गत दिनों दिल्ली में भयंकर जल भराव हो चुका है। लोक निर्माण विभाग मिंटो ब्रिज अंडरपास में तैयारियों को रोल मॉडल बता रहा था ऐसी तैयारियां जलभराव वाले दूसरे स्थानों पर भी करे जाने की बात कही जा रही थी।

By V K Shukla Edited By: Sonu Suman Updated: Sat, 06 Jul 2024 05:35 PM (IST)
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दिल्ली में मानसून की तैयारियां कागजों में अधिक जमीन पर कम।

राज्य ब्यूराे, नई दिल्ली। देश की राजधानी में मानसून की तैयारियों काे लेकर दावे  हवा हवाई साबित हाे रहे हैं। तैयारियां कागजों में अधिक जमीन पर कम नजर आ रही हैं। शायद यही कारण है कि पहली ही वर्षा लोक निर्माण विभाग के दावों की पोल खोल चुकी है।

विभाग के अधिकारी जल भराव रोक पाने में फेल होने का कारण भले ही दूसरे विभागों पर जिम्मेदारी डाल पल्ला झाड़ ले रहे हों, मगर सच्चाई यह है कि तैयारियों में ही खामियां हैं। यहां तक कई जगह नाले तक ठीक से साफ नहीं हुए हैं, जिन ऊपर से ढके नालों की सफाई सुपर सकर मशीन से कराए जाने की बात हो रही है वे मशीनें चलते ही किसी ने नहीं देखी हैं।

मिंटो ब्रिज अंडरपास की तैयारियों विभाग के लिए रोल मॉडल

दिल्ली में मानसून से पहले ही एक बार ठीक से वर्षा हुई है, इसे मानसून की पहली वर्षा भी मान लें तो गत दिनों दिल्ली में भयंकर जल भराव हो चुका है। लोक निर्माण विभाग मिंटो ब्रिज अंडरपास में तैयारियों को रोल मॉडल बता रहा था, ऐसी तैयारियां जलभराव वाले दूसरे स्थानों पर भी करे जाने की बात कही जा रही थी। इस अंडरपास में बसें डूबने तक के बराबर पानी भर गया।

विभाग का दावा है कि यहां जल भराव हाेने पर पानी निकालने के पावरपुल पंप हैं, वाटर अलार्म सिस्टम ऐसा है कि एक फीट जल भराव होने पर ही पंप आपरेटर को अलर्ट कर देगा और उसका संदेश विभाग के मुख्यालय में भी पहुंचेगा।मगर यह सब धरा का धरा रह गया।

पुल प्रह्लादपुर अंडरपास पर खर्च हुए कई करोड़

लोक निर्माण विभाग ने सफाई दी है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की ओर जल बोर्ड का पानी ओवरफ्लो होकर आया और अंडरपास में भर गया, जिससे समस्या आई, मगर कुछ देर बाद पानी निकाल दिया गया। अब विभाग इस प्वाइंट पर और व्यवस्थाएं बढ़ाने की बात कर रहा है। इसी तरह सभी दावों के बाद भी पुल प्रह्लादपुर अंडरपास में गत दिनों पानी भरा था। जबकि जलभराव रोकने के लिए यहां पिछले सालों तक कई करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई है।

रिंग रोड पर प्रगति मैदान के पीछे भी इसी तरह पानी भरा। जबकि यहां भी आईपी एस्टेट के पास जल भराव रोकने के लिए छह करोड़ की लागत से इंतजाम किए गए हैं। विभाग ने यहां भी जलभराव को अधिक वर्षा हाेना बताया है।इसके साथ ही विभाग ने जखीरा पुल, प्रेमवाड़ी पुल और लारेंस रोड अंडरपास में पंप खराब हो जाने को कचरा बहकर आ जाना बताया है। विभाग ने कहा है कि कचरा फंस जाने से पंप ठप हो गए।मगर बड़ा सवाल यही है कि अाखिर जल भराव राेकने के लिए माकूल व्यवस्थाएं क्यों नहीं की जाती हैं।

मानसून को देखते हुए पीडब्यूडी ने तय की जिम्मेदारी

मानसून को देखते हुए पीडब्यूडी ने अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है। विभाग की विशेष सचिव शशांका आला के आदेश पर इन तीन अधीक्षण अभियंताओं को जो काम बांटा गया है। इनके नाम शिव कुमार मिश्रा, प्रमोद कुमार तोमर व श्रवण कुमार हैं। शिव कुमार मिश्रा को सभी रखरखाव वाहनों की जीपीएस मैपिंग व सभी अस्थायी पंपों की जीपीएस मैपिंग की जिम्मेदारी होगी।

प्रमोद कुमार तोमर काे क्यूआरटी निरीक्षण टीम के सभी वाहनों की निगरानी रखनी होगी। इसके अलावा जलजमाव होने पर उसे दूर करने के लिए विभिन्न जोनों में पांच विशेष क्यूआरटी टीमों की तैनाती और रिपोर्टिंग रखने की जिम्मेदारी रहेगी।वहीं श्रवण कुमार को जलभराव के मामलों का नोडल अधिकारी बनाया गया है। मानसून के दौरान जलजमाव वाले स्थानाें की दैनिक पहचान व जल जमाव से संबंधित अन्य मुद्दों को देखेंगे।अधिकारियों को प्रत्येक दिन जलभराव वाले स्थानों की पहचान कर उसकी रिपोर्ट देनी होगी।

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