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Delhi: Matrimonial वेबसाइटों को DCW का नोटिस, धोखाधड़ी और उत्पीड़न रोकने के लिए मांगी जानकारी

दिल्ली महिला आयोग ने वैवाहिक वेबसाइटों पर धोखाधड़ी के मामलों का स्वत संज्ञान लेते हुए इन वेबसाइटों को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है। स्वाति मालीवाल ने कहा कि कई महिलाओं के साथ उत्पीड़न धोखाधड़ी की जाती है।

By GeetarjunEdited By: Updated: Tue, 02 Aug 2022 07:29 PM (IST)
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Matrimonial वेबसाइटों को DCW का नोटिस, धोखाधड़ी और उत्पीड़न रोकने के लिए मांगी जानकारी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने वैवाहिक वेबसाइटों (Matrimonial Websites) पर धोखाधड़ी के मामलों का स्वत: संज्ञान लेते हुए इन वेबसाइटों को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है। आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि आज हजारों लोग जीवनसाथी की तलाश के लिए इन वेबसाइटों का उपयोग करते हैं, लेकिन यहां धोखाधड़ी के मामले भी सुनने को मिल रहे हैं।

स्वाति ने कहा कि हाल ही में दिल्ली के एक व्यक्ति ने इन वेबसाइटों पर 100 से अधिक फर्जी प्रोफाइल बनाकर शादी का प्रस्ताव देकर पैसे ऐंठे, जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसे में इन वेबसाइटों पर धोखाधड़ी और उत्पीड़न को रोकने के लिए सिस्टम होना चाहिए।

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महिला यूजर्स के लिए सुरक्षा की मांगी जानकारी

आयोग ने नोटिस में वेबसाइटों द्वारा अपने महिला उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और नकली प्रोफाइल बनाने से रोकने के लिए किए गए विभिन्न सुरक्षा उपायों की जानकारी देने के लिए कहा है। साथ ही यह भी पूछा है कि क्या इन वेबसाइटों पर प्रोफाइल बनाने के लिए आधार कार्ड या अन्य किसी फोटो पहचान दस्तावेज की जरूरत है।

महिलाएं उत्पीड़न, ब्लैकमेलिंग का हो रहीं शिकार

इसके अलावा आयोग ने वेबसाइट को प्राप्त शिकायतों की जानकारी के साथ-साथ फर्जी प्रोफाइल बनाने, सूचना छिपाने, यौन उत्पीड़न, ब्लैकमेलिंग, जबरन वसूली से संबंधित शिकायतों से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण भी मांगा है। आयोग ने वर्ष 2018 के बाद से वेबसाइटों द्वारा ब्लैकलिस्ट किए गए प्रोफाइल की संख्या के साथ प्रोफाइल को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया की भी जानकारी मांगी है।

इसके अलावा आयोग ने ऐसे लोगों से महिला की पहचान गुप्त रखने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा जिनके साथ वह बात नहीं करना चाहती हैं। आयोग ने कुछ डेटिंग वेबसाइटों का उदाहरण भी दिया है जहां केवल महिला ही बातचीत शुरू कर सकती है और वैवाहिक वेबसाइटों से पूछा है कि क्या वे महिला उपयोगकर्ताओं को अनचाही स्थिति से बचाने के लिए ऐसी व्यवस्था रखते हैं। आयोग ने सभी जानकारी 12 अगस्त तक उपलब्ध कराने को कहा है।

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