DDA Flats in Delhi: नरेला के खाली फ्लैट बिक नहीं रहे, रखरखाव पर सालाना खर्च हो रहे करीब 25 लाख
2022 में डीडीए की खराब आर्थिक हालत की वजह भी इन्हीं फ्लैटों को ही बताया गया था। डीडीए से मिली जानकारी के अनुसार 2014 के बाद से अब तक डीडीए करीब 57 हजार फ्लैट आवासीय योजना में ला चुका है। इनमें से करीब 15500 फ्लैट्स लोगों ने वापस कर दिए या वह बिक नहीं पाए। अकेले नरेला में डीडीए के 25000 के करीब फ्लैट विभिन्न पाकेटों में बनकर तैयार हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। नरेला में बने डीडीए के बने खाली फ्लैट बिक तो पा नहीं रहे, अलबत्ता इनके रखरखाव पर सालाना 25 लाख रुपये खर्च और हो रहा है। आलम यह है कि डीडीए ने अब नरेला के इन खाली पडे़ फ्लैटों की सालाना मरम्मत व रखरखाव के लिए ठेकेदार से अनुबंध करने की तैयारी शुरू कर दी है।
डीडीए अधिकारियों के अनुसार नरेला की पाकेट चार एवं पांच के सेक्टर-जी7/जी8 में बने फ्लैटों के लिए ठेकेदारों से आवेदन मांगे गए हैं। उन्हें आवेदन जमा करने के लिए 16 अगस्त तक का समय दिया गया है। तकनीकी निविदा 17 अगस्त को खुलेगी। यह टेंडर 12 माह के लिए जारी होगा और इसके लिए 24,85,420 का अनुमानित बजट है।
करीब 15500 फ्लैट्स लोगों ने कर दिए वापस
गौरतलब है कि 2022 में डीडीए की खराब आर्थिक हालत की वजह भी इन्हीं फ्लैटों को ही बताया गया था। डीडीए से मिली जानकारी के अनुसार 2014 के बाद से अब तक डीडीए करीब 57 हजार फ्लैट आवासीय योजना में ला चुका है। इनमें से करीब 15500 फ्लैट्स लोगों ने वापस कर दिए या वह बिक नहीं पाए। अकेले नरेला में डीडीए के 25000 के करीब फ्लैट विभिन्न पाकेटों में बनकर तैयार हैं।
उधर डीडीए के मुताबिक हाल फिलहाल चल रही डीडीए की पहले आओ पहले पाओ चौथे चरण की स्कीम को बेहतर रिस्पांस मिल रहा है। स्कीम के तहत लोगों ने नरेला में भी 660 से अधिक फ्लैट बुक करवाए हैं। डीडीए को उम्मीद है कि डीएमआरसी के मेट्रो प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद यह सभी फ्लैट लोगों को पसंद आने लगेंगे।