1984 सिख विरोधी दंगा मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने पर निर्णय सुरक्षित, 2 अगस्त को आ सकता है फैसला
31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। सत्र अदालत ने अगस्त 2023 में इस मामले में टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी थी। अदालत ने टाइटलर को निर्देश दिया था कि वह न तो सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे और न ही बिना अदालत की अनुमति के देश छोड़कर जाएंगे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में तीन लोगों की हत्या के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के विरुद्ध आरोप तय करने पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। विशेष न्यायाधीश राकेश सियाल ने सीबीआई और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं का तर्क सुनने के बाद कहा कि फैसला दो अगस्त को सुनाया जा सकता है।
सीबीआई ने एक गवाह के हवाले से आरोप पत्र में आरोप लगाया था कि टाइटलर एक नवंबर 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने एक सफेद एम्बेसडर कार से बाहर निकले और भीड़ को सिखों को मारने के लिए उकसाया था। यह भी आराेप लगाया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री टाइटलर ने भीड़ से कहा था कि सिखों को मार डालो, उन्होंने हमारी मां को मार डाला है। टाइटलर के कारण तीन लोगों की हत्या हुई थी।
टाइटलर को अदालत ने 2023 में जमानत दी थी
31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। सत्र अदालत ने अगस्त 2023 में इस मामले में टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी थी। अदालत ने टाइटलर को निर्देश दिया था कि वह न तो सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे और न ही बिना अदालत की अनुमति के देश छोड़कर जाएंगे। सीबीआई ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 147 (दंगा), 109 (अपराध को उकसाना) के साथ धारा 302 (हत्या) के तहत आरोप लगाए हैं।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।