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कोयला से बिजली बनाने के मामले में पूरी दुनिया में गिरावट, लेकिन चीन में हो रही बढ़ोत्तरी; COP28 से बढ़ी उम्मीदें

एक बेहद सकारात्मक घटनाक्रम में संयुक्त राष्ट्र की 28वीं जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी28) के इस सप्ताह दुबई में शुरू होने से ठीक पहले ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर (जीईएम) के ताजा तिमाही आंकड़ों से पता चलता है कि चीन को छोड़कर वैश्विक स्तर पर पिछले नौ साल में नए कोयला बिजली निर्माण में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। चीन को छोड़कर कोयला बिजली क्षमता निर्माण में गिरावट रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच रही।

By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Tue, 28 Nov 2023 11:14 PM (IST)
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कोयला से बिजली बनाने में के मामले में पूरी दुनिया में आई गिरावट, चीन में हो रही बढ़ोत्तरी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एक बेहद सकारात्मक घटनाक्रम में, संयुक्त राष्ट्र की 28वीं जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी28) के इस सप्ताह दुबई में शुरू होने से ठीक पहले, ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर (जीईएम) के ताजा तिमाही आंकड़ों से पता चलता है कि चीन को छोड़कर, वैश्विक स्तर पर पिछले नौ साल में, नए कोयला बिजली निर्माण में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। ग्लोबल कोल प्लांट ट्रैकर की नवीनतम जानकारी के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक, इस साल में शुरू होने वाले पावर प्लांट निर्माण कार्य 2 गीगावॉट के आंकड़े को भी पार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह बात पिछले आठ वर्षों में (2015 से 2022) उन्हीं देशों में देखे गए लगभग 16 गीगावॉट के वार्षिक औसत के बिल्कुल विपरीत है।

फिलहाल, चीन को छोड़कर, कोयला बिजली क्षमता निर्माण में गिरावट 2023 के अंत तक रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने की ओर अग्रसर है। जेहन तक चीन का सवाल है वह अभी कोयला बिजली निर्माण में बढ़ोत्तरी की दिशा में है। साल 2015 में GEM द्वारा अपना वार्षिक डेटा संग्रह शुरू करने के बाद से यह एक महत्वपूर्ण बदलाव को रेखांकित करता है।

यह आंकड़ा COP28 में एकत्रित होने वाले विश्व नेताओं के लिए प्रेरणा प्रदान करता है, विशेष रूप से इसलिए क्योंकि चीन के बाहर अब भी 131 कोयला परियोजना (110 गीगावॉट) ऐसी हैं जिन पर लगाम लगाना अभी बाकी है। यह योजनाएं या तो अभी विचाराधीन है, या घोषित हैं, या पूर्व-परमिट स्थिति में हैं, या फिर अनुमति चरण में शामिल हैं।

ग्लोबल कोल पावर ट्रैकर अक्टूबर 2023 के नए डेटा के मुख्य निष्कर्ष निम्नलिखित हैं-

  • साल 2023 के पहले नौ महीनों में, 18.3 गीगावॉट कोयला क्षमता प्रस्तावित (घोषित, पूर्व-परमिट, अनुमत) श्रेणी से हटाकर स्थगित श्रेणी में आ गयी हैं।
  • इस गिरावट के बावजूद, 15.3 गीगावॉट पूरी तरह से नए प्रस्ताव विचाराधीन हैं, विशेष रूप से भारत (8.6 गीगावॉट), इंडोनेशिया (2.5 गीगावॉट), कजाकिस्तान (4.1 गीगावॉट), और मंगोलिया (0.05 गीगावॉट) में। इसके अतिरिक्त, पहले से बंद या रद्द की गई 4.2 गीगावॉट क्षमता पर अब पुनर्विचार किया जा रहा है।
  • आरक्षित श्रेणी से आधिकारिक तौर पर रद्द होने की श्रेणी में आने वाली कोयला क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो 2022 में 32 गीगावॉट से बढ़कर कुल 39 गीगावॉट हो गई है।
  • नवीनतम उपलब्ध डेटा (जुलाई 2023) के अनुसार, दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिण एशिया चीन के बाहर निर्माणाधीन कोयला बिजली क्षमता में भारत (31.6 गीगावॉट), इंडोनेशिया (14.5 गीगावॉट), बांग्लादेश (5.8 गीगावॉट), और वियतनाम (5.4) के साथ आगे हैं। GW) निर्माणाधीन 67 GW का 84% हिस्सा है।
ग्लोबल कोल पावर ट्रैकर के प्रोजेक्ट मैनेजर, फ्लोरा चैम्पेनोइस ने डेटा के महत्व पर टिप्पणी करते हुए कहा, "COP28 में कठिन वार्ता से पहले कोयला योजनाओं में यह ट्रेंड एक स्वागत योग्य घटनाक्रम है। नई कोयला परियोजनाओं की समाप्ति के साथ शुरू होने वाले वैश्विक कोयला-से-क्लीन एनेर्जी ट्रांज़िशन को तेज करने में सरकारों, बैंकों, और सभी हितधारकों की भूमिका है।"

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