Delhi-NCR के प्रदूषण में दिखी कमी, तेज हवा चलने से हुआ फायदा; दिल्ली का AQI अभी भी 'बहुत खराब' श्रेणी में
राजधानी दिल्ली का परिवहन क्षेत्र प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदानकर्ता था। परिवहन से उत्सर्जन शहर के वायु प्रदूषण का लगभग 16.3 प्रतिशत रहा जो बुधवार को 13.5 प्रतिशत था। यह भी अनुमान लगाया गया है कि अगले दो दिनों में दिल्ली के प्रदूषण में परिवहन का योगदान शीर्ष पर रहेगा। प्रदूषण में योगदान देने वाला एक अन्य कारक पराली है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एनसीआर की वायु गुणवत्ता सूचकांक में बृहस्पतिवार को थोड़ा सुधार देखा गया। हवा की गति बढ़ने से प्रदूषक तत्वों के बहाव में मदद मिली। हालांकि एक्यूआई 'बहुत खराब' श्रेणी में ही बना हुआ है।
बृहस्पतिवार काे दिल्ली का एक्यूआई 306 दर्ज किया गया, जो एक दिन पहले 364 था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर देश में सबसे अधिक था। 241 शहरों में से केवल दिल्ली बृहस्पतिवार को 'बहुत खराब' श्रेणी में थी।
थोड़ी बेहतर थी एनसीआर की हवा
द्वारका, रोहिणी, आनंद विहार, आइजीआई एयरपोर्ट (टी थ्री), मुंडका, पटपड़गंज, सोनिया विहार, वजीरपुर, अलीपुर, अशोक विहार, आया नगर, बुराड़ी, मंदिर मार्ग, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नजफगढ़ और नेहरू नगर दिल्ली के उन 24 क्षेत्रों में से थे, जहां एक्यूआई 'बहुत खराब' रहा। एनसीआर के शहरों में फरीदाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा में हवा की गुणवत्ता थोड़ी बेहतर थी, क्योंकि इन क्षेत्रों में एक्यूआइ 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया था।हवा की गति बढ़ने से एक्यूआई में सुधार
स्काईमेट वेदर के महेश पलावत ने कहा कि बृहस्पतिवार को हवा की गति बढ़ने के कारण एक्यूआई में सुधार हुआ है। मालूम हो कि हवा की गति 16 किमी प्रति घंटे तक की रही। उन्होंने बताया, "आज हवा की गति कल की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक थी। जब भी हवा एक विशेष दिशा से लंबे समय तक लगातार चलती है, तो यह आमतौर पर प्रदूषकों को बिखेर देती है।"
बृहस्पतिवार को दिल्ली में प्रमुख प्रदूषक पीएम 10 था। सीपीसीबी के मुताबिक, शाम पांच बजे पीएम2.5 का स्तर 122.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया।
परिवहन से होता है दिल्ली में सर्वाधिक प्रदूषण
इस बीच, दिल्ली का परिवहन क्षेत्र प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदानकर्ता था। परिवहन से उत्सर्जन शहर के वायु प्रदूषण का लगभग 16.3 प्रतिशत रहा, जो बुधवार को 13.5 प्रतिशत था। यह भी अनुमान लगाया गया है कि अगले दो दिनों में दिल्ली के प्रदूषण में परिवहन का योगदान शीर्ष पर रहेगा। प्रदूषण में योगदान देने वाला एक अन्य कारक पराली है। आंकड़ों से पता चलता है कि बृहस्पतिवार को पंजाब में 57, हरियाणा में 15 और उत्तर प्रदेश में 68 ऐसी घटनाएं दर्ज की गईं।
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- दिल्ली- 306
- गुरुग्राम- 239
- गाजियाबाद- 272
- ग्रेटर नोएडा- 214
- फरीदाबाद- 142
- नोएडा- 169