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Deepotsav in Delhi: साढ़े तीन लाख दीयों से जगमगाया वासुदेव घाट, दिखा भक्ति और रोशनी का संगम; तस्वीरें

दिल्ली दीपोत्सव 2024 में वासुदेव घाट पर 3.51 लाख दीयों की रोशनी से जगमगाया। इस अवसर पर एलजी ने यमुना आरती भी की। लेजर एवं ड्रोन शो के माध्यम से जय श्री राम सहित कई दूसरे चीजों को आसमान में उकेरा गया। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दीया प्रज्जवलित करके यमुना में छोड़ा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दिल्लीवासियों को यमुना के प्रति जागरूक करना और उसे अपनाना है।

By sanjeev Gupta Edited By: Geetarjun Updated: Thu, 14 Nov 2024 01:29 AM (IST)
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यमुना वसुदेव घाट पर आयोजित दिल्ली दीपोत्सव 2024 समारोह में लेजर लाइट शो और प्रज्जवलित दीप।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में पहली बार कश्मीरी गेट स्थित वासुदेव घाट पर बुधवार को दिल्ली दीपोत्सव 2024 कार्यक्रम का आयोजन हुआ। घाट को 3.51 लाख दीयों की रोशनी से जगमगाया गया। इस दौरान रोशनी और भक्ति का भी अद्भुत संगम देखने को मिला। साथ ही लेजर एवं ड्रोन शो भी देखने को मिला।

इस कार्यक्रम का आयोजन देव दीपावली, गुरु पर्व और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एलजी वीके सक्सेना के मार्गदर्शन में दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा किया गया था।

दिल्ली दीपोत्सव 2024 समारोह में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दीया प्रज्जवलित करके यमुना में छोड़ा।

लेजर और ड्रोन शो

इस अवसर पर एलजी ने यमुना आरती भी की। लेजर एवं ड्रोन शो के माध्यम से जय श्री राम सहित कई दूसरे चीजों को आसमान में उकेरा गया। साथ ही वासुदेव घाट पर बारादरी में एक भव्य राम दरबार भी स्थापित किया गया।

दीपोत्सव का उद्देश्य

अपने संबोधन में सक्सेना ने कहा, दीपोत्सव दिल्ली का पहला ऐसा पर्व बनने जा रहा है, जिसका उद्देश्य न केवल दिल्लीवासियों को यमुना के प्रति जागरूक करना है बल्कि उसके करीब लाना और उसको अपनाना है। यमुना दिल्ली और यहां रहने वालों की पहचान है। साफ और निर्मल बनकर अविरल बहना न केवल इसका हक है बल्कि दिल्लीवासियों भी का दायित्व है कि इसमें वह अपना योगदान दें।

हम सभी के लिए पूजनीय यमुना

उन्होंने कहा, यमुना हम सब के लिए पूजनीय है। सभी नदियों की तरह यमुना ने भी दिल्ली को हरा-भरा बनाने का काम किया है, लेकिन विंडबना है कि इसकी तुलना गंदे नाले से की जाती है। इसको साफ करने की इच्छाशक्ति खत्म हो गई है। यमुना के प्रति न लगाव और न कर्तव्य रहा। दो वर्ष पहले यहां आना संभव नहीं था, लेकिन आज दीपोत्सव का आनंद ले रहे हैं।

भव्य घाट के लिए DDA को दी बधाई

उन्होंने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को बधाई देते हुए कहा कि डेढ़-दो साल के अंदर भव्य तट का निर्माण किया। हजारों लोग यमुना के दर्शन के लिए आते हैं। आरती में हिस्सा लेते हैं। घाट को बनारस की तर्ज पर विकसित करने की इच्छा थी। धीरे-धीरे इसको अंजाम देना शुरू किया। अब हफ्ते में दो बार आरती हो रही है। यमुना के तट पर लोग बैठते हैं। मेरी कोशिश है कि इस तरह की संपत्ति और तैयार की जाए।

एलजी ने कहा, यह दीपोत्सव एक छोटा उत्सव नहीं है। दिल्ली देश की राजधानी है। हर हफ्ते ऐसे उत्सव होने चाहिए। दिल्ली की जनता को जोड़ना चाहिए। हालांकि अफसोस है कि ऐसा नहीं हुआ। यह घाट भारत की समृद्धि धरोहर बनकर तैयार होगा। दिल्ली को सुधारने में यह घाट अहम योगदान करेगा।

अगले साल जब इस उत्सव को मनाएंगे तो पांच लाख दीयों को भी लगा सकते हैं। यह सिलसिला हर साल बढ़ना चाहिए। दिल्ली के लोगों को यमुना से जोड़ने का आह्वान है। दिल्ली में जिस उत्सव की शुरुआत हुई है उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। यमुना हम सब की है। किसी एक व्यक्ति की नहीं है। इसके लिए हमें जीर्णोद्धार करना चाहिए।

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