Ram Mandir: कारसेवकों के खून से तब लाल हो गया था सरयू का पानी, विवादित ढांचा गिराने में रहे आगे जयभगवान गोयल
दिल्ली के शाहदरा निवासी व राष्ट्रवादी शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयभगवान गोयल ऐसे ही हैं। अयोध्या स्थित विवादित ढांचा ढहाने के आरोप में उनपर कोई 28 साल तक मुकदमा चला। दो हफ्ते जेल में बिताए। कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे लेकिन कभी भी अपने संघर्ष से मुंह नहीं मोड़ा। शाहदरा चौक में अपने कार्यालय में बातचीत में कहते हैं कि सब राम जी की कृपा है।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। ऐसे विरले ही होते हैं जो समाज पर हो रहे जुल्म का खुलकर प्रतिकार करें और दो-दो हाथ करें। जब मौका आए तो गुलामी और बर्बरता के प्रतीक को ढहाने में भी तनिक विचलित न हो। साथ ही बिना किसी डर-भय के, परिणाम तथा भविष्य की परवाह किए बगैर अपने कृत्य को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर लें।
पूर्वी दिल्ली के शाहदरा निवासी व राष्ट्रवादी शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयभगवान गोयल ऐसे ही हैं। अयोध्या स्थित विवादित ढांचा ढहाने के आरोप में उनपर कोई 28 साल तक मुकदमा चला। दो हफ्ते जेल में बिताए। कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे, लेकिन कभी भी अपने संघर्ष से मुंह नहीं मोड़ा।
शाहदरा चौक में अपने कार्यालय में बातचीत में कहते हैं कि सब राम जी की कृपा है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व जिसके चलते अयोध्या में भव्य राममंदिर में रामलला के विराजमान होने का उनके साथ असंख्य लोगाें का स्वप्न पूरा हो रहा है।उन दिनों को याद करते हुए जय भगवान गोयल बताते हैं कि वह पंजाब से वर्ष 1986-87 में दिल्ली आ गए थे और उनकी मुलाकात शिवसेना सुप्रीमो बाला साहब ठाकरे से हुई। जिसके बाद दिल्ली में शिवसेना की इकाई गठित की। तब तक राम मंदिर का मुद्दा गर्माने लगा था। वह भी बैठकों में शामिल होने लगे।
लालकृष्ण आडवाणी द्वारा निकाली गई रथ यात्रा की आगवानी
पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा निकाली गई रथ यात्रा की आगवानी की। इसके साथ ही वर्ष 1990 की कारसेवा का मौका आया। घड़ी आ गई जब कार सेवा के लिए जत्थे के साथ ट्रेन से निकल पड़े, लेकिन टूंडला में उनके साथी पकड़े गए, लेकिन यह बच गए, क्योंकि इन्होंने सिख का वेश धारण किया था।ये भी पढ़ें- 'घबराने की जरूरत नहीं, सतर्क रहने की आवश्यकता', कोरोना के नए सब-वेरिएंट JN.1 पर आया Delhi AIIMS का बयान
वहां से वह ट्रैक्टर ट्राली में बैठकर प्रतापगढ़ तक पहुंचे, रास्ते में लोग हर तरह की सहायता करते मिले, लेकिन वहां आखिरकार हिरासत में ले लिया गया और अस्थाई जेल के रूप में निर्मित किए गए चिलबिला स्थित इंटर कालेज में बाकि कार सेवकों के साथ बंद कर दिया गया।वह बताते हैं कि वहां चंद पुलिसकर्मी तैनात थे, जबकि अस्थाई जेल में 500 लोग थे। ऐसे में कार सेवकों ने जोश भरा और पुलिसकर्मियों को धत्ता बताते हुए आगे बढ़ गए। रेल लाइन के किनारे-किनारे चलते हुए गांवाें में रूकते हुए अयोध्या पहुंच गए। इस दौरान लोगों में रामभक्ताें की सेवा का भाव जबरदस्त देखा।
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