Delhi: फ्लाइट में परोसा मांस, 2 विदेशी विमान कंपनियों पर 1 लाख रुपये का जुर्माना; 30 दिन में देना होगा हर्जाना
साल 2013 में विदेश जा रहे शाकाहारी दंपती को फ्लाइट में मांसाहारी भोजन परोसने पर आस्ट्रियन एयरलाइंस और एयर कनाडा पर आयोग ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। आयोग ने विमनन कंपनी को 30 दिनों को अंदर राशि का भुगतान करने का आदेश दिया है।
By Ashish GuptaEdited By: GeetarjunUpdated: Sun, 09 Apr 2023 11:06 PM (IST)
नई दिल्ली, आशीष गुप्ता। साढ़े नौ साल पहले विदेश पर जा रहे शाकाहारी दंपती को फ्लाइट में मांसाहारी भोजन परोसने पर आस्ट्रियन एयरलाइंस और एयर कनाडा पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने करते हुए दोनों विमानन कंपनियों को आदेश दिया कि वह 30 दिन के भीतर एकल या संयुक्त रूप से शिकायतकर्ता दंपती को इस राशि का भुगतान करें।
दंपती ने लगाया गोमांस परोसने का आरोप
दंपती ने गोमांस परोसे जाने का आरोप लगाया था, जिसे आयोग ने यह कहते हुए नहीं माना कि इस बात की पुष्टि के लिए भोजन में दिए गए मांस के टुकड़े की कोई जांच नहीं की गई थी। छूने मात्र से यह नहीं पाया जा सकता कि वह गोमांस था।वसंत कुंज के राजीव भार्गव ने पत्नी अर्चना भार्गव के साथ एक सेमिनार में वैंकूवर जाने के लिए वर्ष 2013 में निजी बुकिंग कंपनी के पोर्टल के जरिये आस्ट्रियन एयरलाइंस की फ्लाइट की टिकट बुक कराई थी।
वियना और लंदन में ठहराव करते फ्लाइट को गंतव्य तक जाना था। 2 अक्टूबर 2013 को दंपती इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से आस्ट्रियन एयरलाइंस की फ्लाइट में सवार हुए थे। आंतरिक कोड शेयरिंग व्यवस्था के तहत आस्ट्रियन एयरलाइंस ने लंदन में दंपती को एयर कनाडा की फ्लाइट में शिफ्ट कर दिया था।
वर्ष 2015 में उपभोक्ता आयोग को की गई शिकायत के मुताबिक दंपती ने आरोप लगाया कि एयर कनाडा की फ्लाइट में यात्रा के दौरान उनको गोमांस भोजन में परोसा गया, जबकि उन्होंने शाकाहारी खाने का विकल्प टिकट करते वक्त चुना था। इस कारण उन्हें नौ घंटे से ज्यादा समय तक भूखा रहना पड़ा। इसका उनकी सेहत पर खराब असर पड़ा और वह सेमिनार में हिस्सा नहीं ले पाए थे। इस पर आयोग ने दोनों प्रतिवादी विमानन कंपनियों से पक्ष पूछा था।
एयरलाइंस ने आरोपों को किया खारिज
आस्ट्रियन एयरलाइंस ने जवाब दाखिल कर कहा था कि यह शिकायत परेशान करने के लिए है, क्योंकि शिकायतकर्ता ने टिकट कराते वक्त भोजन की प्राथमिकता ही नहीं बताई थी। साथ ही गोमांस परोसे जाने के आरोप को यह कहते हुए गलत ठहराया कि कोई सिर्फ छू कर मांस का प्रकार नहीं बता सकता। जवाब में यह भी कहा था कि तबीयत ठीक न होने के चलते सेमिनार में शामिल न होने को लेकर भी कोई साक्ष्य नहीं लगाया गया। लिहाजा वह मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी नहीं है। इस शिकायत को खारिज किया जाना चाहिए।आयोग ने शिकायतकर्ता के पक्ष में दिया फैसला
यह भी कही कि वह प्रति भोजन 150 यूरो का वाउचर और क्षमा पत्र दे सकते हैं। एयर कनाडा ने जवाब में कहा था कि शिकायतकर्ता उसके लिए ग्राहक नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने एक पोर्टल के जरिये आस्ट्रियन एयरलाइंस का टिकट खरीदा था। यह बात सही है कि शिकायतकर्ता उनकी फ्लाइट में थे, लेकिन वह केवल कोड शेयरिंग व्यवस्था के तहत थे। गोमांस के आरोप को भी खारिज किया था। सभी को सुनने के बाद आयोग ने निर्णय शिकायतकर्ता के पक्ष में दिया।
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