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Delhi: गर्भपात कराने का अड्डा था फर्जी सर्जन का अग्रवाल अस्पताल, दो रजिस्टरों से हुआ चौंकाने वाला खुलासा

ग्रेटर कैलाश एक स्थित अग्रवाल मेडिकल सेंटर में अवैध गर्भपात कराने का भी गढ़ बना था। यहां पर 100 से ज्यादा महिलाओं का गर्भपात किया गया। रिमांड के दौरान पुलिस पूछताछ में सामने आया कि सेंटर में फर्जी सर्जरी के अलावा अवैध तरीके से गर्भपात भी कराया जाता था। पुलिस को आशंका है कि रैकेट में अन्य डाक्टर भी शामिल हैं जो कि फरीदाबाद के एक नामी अस्पताल के हैं।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Sat, 18 Nov 2023 09:00 AM (IST)
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Delhi: गर्भपात कराने का अड्डा था फर्जी सर्जन का अग्रवाल अस्पताल।

शनि पाथौली, दक्षिणी दिल्ली। ग्रेटर कैलाश एक स्थित अग्रवाल मेडिकल सेंटर में अवैध गर्भपात कराने का भी गढ़ बना था। यहां पर 100 से ज्यादा महिलाओं का गर्भपात किया गया। रिमांड के दौरान पुलिस पूछताछ में सामने आया कि सेंटर में फर्जी सर्जरी के अलावा अवैध तरीके से गर्भपात भी कराया जाता था।

पुलिस को दो रजिस्टर में गर्भपात करने वाले सभी मरीजों की जानकारी मिली है। इसको लेकर भी सेंटर संचालक डाक्टर नीरज अग्रवाल व उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल से पुलिस पूछताछ कर रही है। इससे जुड़े साक्ष्य भी पुलिस के हाथ लगे हैं।

पुलिस ने शुक्रवार को नीरज अग्रवाल, उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल, डाक्टर जसप्रीत और लैब टेक्नीशियन महेंद्र से पूछताछ की है। चारों आरोपित पांच दिन के पुलिस रिमांड पर हैं। पुलिस गर्भपात से जुड़े मेडिकल दस्तावेज की छानबीन कर रही है।

पुलिस को आशंका है कि रैकेट में अन्य डाक्टर भी शामिल हैं, जो कि फरीदाबाद के एक नामी अस्पताल के हैं। इसी अस्पताल में आरोपित डाक्टर जसप्रीत कार्यरत था। पुलिस के पास पांच दलालों के नाम भी आ चुके हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमों को लगाया गया है।

इनके अलावा अन्य संदिग्ध भी पुलिस की राडार पर हैं। पुलिस ने डाक्टर नीरज व उसकी पत्नी के खिलाफ दी गई अन्य शिकायतों पर भी एफआइआर दर्ज करने की तैयारी कर ली है। पुलिस ने दो मामलों में एफआइआर दर्ज की है। आरोपितों के खिलाफ आठ शिकायतों पर भी केस दर्ज किया जाएगा। इनके संबंध में इंडियन मेडिकल काउंसिल को भी जानकारी दी गई है।

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जसप्रीत को 3 हजार और महेंद्र को मिलते थे 5 हजार रुपये

रिमांड अवधि में पता चला कि नीरज अग्रवाल सर्जरी करने के एवज में महेंद्र को पांच हजार रुपये प्रति मरीज देता था। डाक्टर जसप्रीत को मरीज के फर्जी दस्तावेज बनाने के एवज में तीन हजार रुपये दिए जाते थे। पुलिस ने जसप्रीत को मामले में सरकारी गवाह बनाने के लिए भी प्रयास किए थे, लेकिन उसने इन्कार कर दिया। जसप्रीत ने बताया कि वह अतिरिक्त पैसे कमाने के लालच में फर्जीवाड़ा कर रहा था।

पुलिस नीरज अग्रवाल के बैंक खातों की डिटेल भी खंगाल रही है। प्राथमिक जांच में सामने आया कि आरोपित ने अपने व अपनी पत्नी व खुद की कंपनी के नाम से विभिन्न बैंकों में 50 से ज्यादा खाते खुलवा रखे हैं। पुलिस ने संबंधित बैंक से सभी खातों की स्टेटमेंट मांगी है, ताकि उसकी ट्रांजेक्शन का पता लगाया जा सके।

DJHS ने पंजीकरण रद्द करने का जारी किया नोटिस

फर्जी सर्जन प्रकरण में आठ मरीजों की मौत और पुलिस की कार्रवाई के बाद अब दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की नींद टूटी है। महानिदेशालय ने अग्रवाल मेडिकल सेंटर का पंजीकरण रद करने का नोटिस जारी किया है। महानिदेशालय ने सेंटर के संचालक डॉ. नीरज अग्रवाल एक माह में इस नोटिस का जवाब मांगा है। इस नोटिस के जवाब के बाद महानिदेशालय अग्रवाल मेडिकल सेंटर का पंजीकरण रद कर सकता है।

महानिदेशालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि ग्रेटर कैलाश थाना व दक्षिणी दिल्ली पुलिस उपायुक्त ने 30 अक्टूबर और 31 अक्टूबर को उसके खिलाफ डीजीएचएस में शिकायत की थी। इन शिकायतों में उन नौ मामलों का विस्तृत ब्यौरा है जिसमें चिकित्सकीय लापरवाही और फर्जी सर्जन से सर्जरी करने के कारण वर्ष 2016 से अब तक आठ मरीजों की मौत हो गई।

महानिदेशालय ने एक पखवाड़े बाद 16 नवंबर को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कहा गया है कि दिल्ली नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत अग्रवाल मेडिकल सेंटर का तीन बेड के लिए पंजीकरण है। यह पंजीकरण तीन वर्ष के लिए होता है और अभी अगले वर्ष मार्च तक मान्य है। हैरानी की बात है कि तीन बेड के नर्सिंग होम जैसे इस मेडिकल सेंटर में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने के बावजूद मरीजों की सर्जरी भी की जा रही थी।

सूत्रों के अनुसार जब भी कोई प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम या क्लीनिक के पंजीकरण के लिए आवेदन करता है तो उसे बुनियादी ढांचे, डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों की पूरी जानकारी डीजीएचएस के नर्सिंग सेल को देनी होती है। उसे एंबुलेंस की उपलब्धता व लिंक अस्पताल से समझौते की कापी भी आवेदन के साथ संलग्न करना होता है। पंजीकरण से पहले उपलब्ध संसाधनों का सत्यापन भी किया जाता है। फिर भी अग्रवाल मेडिकल सेंटर में इलाज के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल चल रहा था।

डीजीएचएस द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि एक शिकायत में डा. पूजा पर सर्जरी करने का आरोप लगाया गया है, जबकि उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार इस मेडिकल सेंटर में पूजा नाम की कोई डाक्टर या नर्स कार्यरत नहीं है। डॉ. नीरज अग्रवाल ही इस मेडिकल सेंटर के संचालक हैं। इसलिए क्यों न इस सेंटर का पंजीकरण रद कर दिया जाए। हालांकि, पुलिस इस मेडिकल सेंटर को सील कर चुकी है।

  • सेंटर के संचालक डा. नीरज अग्रवाल से एक माह में मांगा जवाब l
  • पुलिस ने 30 और 31 अक्टूबर को डीजीएचएस में शिकायत की थी।

आरोपित पूजा बोली- मैं तो घर पर खाना बनाती थी

पूजा अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि वह किसी भी सर्जरी में शामिल नहीं होती थी। वह सिर्फ घर पर खाना बनाती थी और अन्य घरेलू काम करती थी, जबकि मृतक असगर अली की पत्नी ने पूजा को इंजेक्शन लगाते और आपरेशन थियेटर में देखा था। हालांकि, पुलिस सभी के बयान दर्ज कर रही है।

गिरफ्तारी के बाद भी कम नहीं हुई नीरज अग्रवाल की हनक

पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बाद भी डाक्टर नीरज अग्रवाल की हनक अभी भी कम नहीं हुई। पूछताछ में आरोपित ने कहा कि उनके सेंटर में एक साल में तीन हजार सर्जरी की जाती थी। इनमें से आठ से दस केस बिगड़ भी गए, तो क्या फर्क पड़ता है।

आरोपित ने कहा कि ऐसा अमूमन हर अस्पताल में होता है। पुलिस ने चारों आरोपितों को आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ की है, ताकि उनके बयान में विरोधाभास न हो सके। पुलिस पता लगा रही है कि किन सर्जरी के बाद मरीजों की मौत हुई।

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