Delhi AIIMS: मारपीट के शिकार युवक ने जान गंवाने से पहले किया अंगदान, तीन लोगों को मिला जीवन
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले संतोष कुमार नामक एक 30 वर्षीय युवक मारपीट का शिकार हो गया। लेकिन अपनी जान गंवाने से पहले एम्स ट्रॉमा सेंटर में अपने अंगदान से वह एक महिला सहित चार लोगों को जीवन दे गया। उसका दिल हरियाणा के 40 वर्षीय युवक में धड़केगा। सात अक्टूबर को किसी ने युवक के सिर पर भारी वस्तु से वार किया था।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले संतोष कुमार नामक एक 30 वर्षीय युवक मारपीट का शिकार हो गया। लेकिन अपनी जान गंवाने से पहले एम्स ट्रॉमा सेंटर में अपने अंगदान से वह एक महिला सहित चार लोगों को जीवन दे गया। उसका दिल हरियाणा के 40 वर्षीय युवक में धड़केगा।
एम्स के डॉक्टर कहते हैं कि दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार ने दूसरों का जीवन बचाने के लिए अंगदान का साहसिक फैसला कर समाज के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है।
एम्स सूत्रों के अनुसार, सात अक्टूबर को किसी ने युवक के सिर पर भारी वस्तु से वार किया था। इस वजह से उसके सिर में गंभीर चोट लगी थी। इसके बाद से इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसकी हालत गंभीर होने के कारण उसे आठ अक्टूबर को एम्स ट्रॉमा सेंटर में स्थानांतरित कर भर्ती किया गया।
मस्तिष्क ने काम करना किया बंद
एम्स ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन 14 अक्टूबर को उसके मस्तिष्क ने काम करना बंद कर दिया। इस वजह से वह ब्रेन डेड हो गया। तब ट्रामा सेंटर के डाक्टरों और एम्स आर्बो (आर्गेन रिट्रिवल बैंकिंग आर्गेनाइजेशन) की टीम ने पीड़ित परिवार को अंगदान के लिए प्रेरित किया।
पीड़िता परिवार दिखाया बड़ा दिल
इसके बाद पीड़ित परिवार ने हृदय, लिवर और दोनों किडनी दान करने की स्वीकृति दी। इसके बाद राष्ट्रीय अंग और उत्तक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) ने डोनर से मिले हृदय, लिवर और एक किडनी एम्स को आवंटित किया और दूसरी किडनी आरएमएल अस्पताल को आवंटित की गई।
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एम्स के अनुसार, दान में मिला हृदय 40 वर्षीय युवक, एक किडनी 38 वर्षीय महिला और लिवर 60 वर्षीय बुजुर्ग को एम्स में प्रत्यारोपित किया गया। दूसरी किडनी 20 वर्षीय युवक को आरएमएल अस्पताल में प्रत्यारोपित किया गया। एम्स के आर्बो की प्रमुख डॉ. आरती विज ने पीड़ित परिवार के अंगदान के फैसले की सराहना की।