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Delhi: दिल के मरीजों को लेनी होगी अब सिर्फ एक गोली, संजीवनी साबित हो सकती है तीन दवाओं की कंबाइंड डोज

दिल के मरीजों के लिए अच्छी खबर यह है कि उन्हें जीवन भर तीन-चार दवाएं खाने से छुटकारा मिलेगा। डब्ल्यूएचओ ने हार्ट अटैक के इलाज के लिए तीन दवाओं की कंबाइंड डोज की पालीपिल को आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया है। एम्स के डॉक्टरों ने कहा कि तीन दवाओं की यह एक गोली हार्ट अटैक से पीड़ित दिल के मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है।

By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Thu, 28 Sep 2023 11:17 PM (IST)
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दिल के मरीजों को अब लेनी होगी सिर्फ एक गोली
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्राल और मोटापा जैसी बीमारियों को नियंत्रित कर और नियमित तौर पर व्यायाम से दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है, लेकिन खराब जीवनशैली के कारण कम उम्र के लोग भी दिल के मरीज बन रहे हैं। इस बीच विश्व हृदय दिवस पर दिल के मरीजों के लिए अच्छी खबर यह है कि उन्हें जीवन भर तीन-चार दवाएं खाने से छुटकारा मिलेगा।

संजीवनी साबित हो सकती है गोली

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हार्ट अटैक के इलाज के लिए तीन दवाओं की कंबाइंड डोज की पालीपिल को आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया है। इसे एम्स के डॉक्टर भी उपयोगी कदम बात रह हैं। उनका कहना है कि तीन दवाओं की यह एक गोली हार्ट अटैक से पीड़ित दिल के मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है।

दिल की बीमारी बन रही मौत का कारण

दिल की बीमारियां देश में मौत का सबसे बड़ा कारण बन रही हैं। हर वर्ष करीब छह करोड़ लोग हार्ट अटैक से पीड़ित होते हैं। एम्स के कार्डियोलाजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अंबुज राय ने कहा कि हार्ट अटैक के मरीजों को तीन दवाएं जीवन भर लेनी होती है। जिसमें खून को पतला करने, कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित रखने के लिए स्टैटिन और बीटा ब्लाकर दवा शामिल होती है।

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यह देखा गया है कि थोड़ा ठीक होने के बाद बहुत मरीज दवाएं लेना कम या बंद कर देते हैं। कई बार भूल से भी दवाएं छूट जाती है। हार्ट अटैक के पुराने मरीजों को तीन दवाओं की एक गोली पालीपिल के इस्तेमाल से इलाज को लेकर विदेश में लंबे समय तक शोध हुआ। जिसमें पाया गया है कि पहले हार्ट अटैक से पीड़ित रह चुके मरीजों में कंबाइंड डोज की दवा से 33 प्रतिशत मौतें कम की जा सकती है।

तीन दवाओं की जगह लेनी होगी एक गोली

यही वजह है कि डब्ल्यूएचओ ने वैश्विक स्तर पर इस दवा के इस्तेमाल के लिए आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया है। इसी आधार पर ही देश भी राष्ट्रीय आवश्यक दवाओं की सूची में दवाएं शामिल की जाती है।

इसलिए उम्मीद है कि आने वाले समय में यहां भी यह दवा राष्ट्रीय आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल हो सकती है। इससे दवा सस्ती भी हो जाएगी और इलाज में बड़े स्तर पर इसका इलाज भी हो सकेगा। तीन दवा की जगह एक दवा लेना मरीज के लिए ज्यादा आसान है। इसलिए मरीजों के लिए दवा लेने की प्रक्रिया बेहतर हो जाएगी।

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