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दिल्ली AIIMS में मरीजों से रिश्वत मांगने वालों की अब खैर नहीं, वाट्सएप पर सीधे कर सकेंगे शिकायत

एम्स के मीडिया डिविजन की प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर को अस्पताल की ओपीडी वार्ड वेटिंग एरिया स्टोर फार्मेसी स्टोर इत्यादि सभी महत्वपूर्ण जगहों पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में डिस्प्ले किया जाएगा। किसी भी चीज के लिए रिश्वत मांगे जाने पर वाट्सएप हेल्पलाइन पर कोई भी व्यक्ति किसी भी वक्त मैसेज भेजकर शिकायत कर सकता हैं।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Thu, 22 Feb 2024 08:19 PM (IST)
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दिल्ली AIIMS में किसी ने मांगी रिश्वत तो वाट्सएप पर करें शिकायत,

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एम्स ने मरीजों की सुविधा के लिए एक वाट्सएप हेल्पलाइन नंबर (9355023969) जारी किया है, जो 29 फरवरी से 24 घंटे संचालित होगा। यदि एम्स में किसी मरीज से ओपीडी कार्ड बनवाने, जल्दी इलाज व जांच कराने का भरोसा देकर कोई रिश्वत की मांग करता है तो मरीज या तीमारदार इस हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत कर सकते हैं।

त्वरित कार्रवाई करेगा सुरक्षा विभाग

एम्स का सुरक्षा विभाग मरीजों की शिकायत पर त्वरित जांच और कार्रवाई करेगा। दलालों के पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। साथ ही प्राथमिक स्तर पर शिकायत सही पाए जाने पर कर्मचारियों के खिलाफ भी निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।

एम्स की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 13 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इस वजह से ओपीडी पंजीकरण के लिए भी मरीजों को जूझना पड़ता है। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआइ जांच व सर्जरी में भी लंबी वेटिंग है। इस वजह से अस्पताल में दलालों की सक्रियता भी बड़ी समस्या रही है। दलाल मरीजों जल्दी इलाज कराने के नाम पर पैसों की मांग करते हैं।

इसके अलावा एम्स में विभिन्न डायग्नोस्टिक लैब संचालकों कर्मचारी सक्रिय होते हैं, जो जल्दी जांच कराने का हवाला देकर मरीजों को बाहर निजी लैब में जांच कराने के लिए ले जाते हैं। इसके अलावा निजी दवा स्टोर के दलाल भी सक्रिय होते हैं। एम्स द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि एम्स के निदेशक डा. एम श्रीनिवास को मरीजों और उनके रिश्तेदारों से इस तरह की शिकायतें मिली थीं। इसके मद्देनजर एम्स के निदेशक डा. एम श्रीनिवास ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।

स्थायी सुरक्षा गार्ड होंगे निलंबित

एम्स के मीडिया डिविजन की प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर को अस्पताल की ओपीडी, वार्ड, वेटिंग एरिया, स्टोर, फार्मेसी स्टोर इत्यादि सभी महत्वपूर्ण जगहों पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में डिस्प्ले किया जाएगा। जिस पर पैसों की मांग करने वालों का आडियो, वीडियो शेयर किया जा सकता है। इस पहल का मकसद एम्स को दलाल और रिश्वतखोरी से मुक्त करना है।

मरीजों को बाहर जल्दी जांच के नाम पर बरगलाने या किसी भी चीज के लिए रिश्वत मांगे जाने पर वाट्सएप हेल्पलाइन पर कोई भी व्यक्ति किसी भी वक्त मैसेज भेजकर शिकायत कर सकता हैं। शिकायत मिलने पर पुराने प्राइवेट वार्ड में एम्स के कंट्रोल रूप में ड्यूटी अधिकारी से संपर्क कर तुरंत जांच शुरू की जाएगी। शुरुआती जांच में मामला सही पाए जाने पर प्रशासनिक अधिकारी से संपर्क कर ड्यूटी अधिकारी तुरंत कार्रवाई करेंगे।

रिश्वतखोरी की शिकायत पर होगा एक्शन

एम्स के अनुसार, अस्पताल के जिस एरिया में दलालों व रिश्वतखाेरी की शिकायत मिलेगी, उस एरिया में तैनात ठेके पर नियुक्त सभी सुरक्षा कर्मी बर्खास्त कर दिए जाएंगे। वहीं स्थायी सुरक्षा कर्मी व प्रभारी भी जांच पूरी होने तक निलंबित रहेंगे। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर सुपरवाइजर के स्तर के अधिकरियों पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि एम्स में पहले भी दलालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जा चुकी है। इस वजह से पिछले ढाई वर्षों में करीब सवा सौ दलाल पकड़े गए हैं। जिसमें ज्यादातर निजी डायग्नोस्टिक लैब संचालकों के लिए काम करते थे। पिछले वर्ष 17 मई को एक फर्जी महिला डाक्टर गिरफ्तार की गई थी।

उसकी पहचान उत्तर प्रदेश के बदायू की रहने वाली शुभी त्रिवेदी के रूप में हुई थी। उसने खुद को एम्स का जूनियर डाक्टर बताकर उत्तराखंड से अपनी बेटी के इलाज के लिए आए एक व्यक्ति से 96 हजार रुपये ठग लिए थे।

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