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अब दिल्ली में रोबोटिक सर्जरी के जरिए होगा किडनी ट्रांसप्लांट, AIIMS में अमेरिका से आएंगी अत्याधुनिक मशीनें

AIIMS News दिल्ली में एम्स के सर्जिकल ब्लाक व कैंसर सेंटर सहित कई विभाग में रोबोटिक मशीन लगाने की तैयारी की जा रही है। अगले महीने मशीनें लगा दी जाएंगी। ये मशीनें अमेरिका से आएंगी। एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास अमेरिका की एक कंपनी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया है। मशीनें लगने के बाद रोबोटिक सर्जरी के जरिए किडनी प्रत्यारोपण होने लगेगा।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Kapil Kumar Updated: Tue, 24 Sep 2024 10:16 PM (IST)
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एम्स में लगाई जाएगी रोबोटिक सर्जरी की अत्याधुनिक मशीन। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के सर्जिकल ब्लाक, कैंसर सेंटर सहित कई अन्य विभागों के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में रोबोटिक मशीन लगाने की तैयारी है। सर्जिकल ब्लाक में अगले माह अत्याधुनिक रोबोटिक लग भी जाएगी। तब एम्स में रोबोटिक सर्जरी के जरिए किडनी प्रत्यारोपण होने लगेगा।

वहीं, मंगलवार को रोबोटिक सर्जरी के प्रशिक्षण को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में एम्स के जनरल सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. वीके बंसल ने यह जानकारी दी।

एम्स में अभी दो रोबोटिक मशीन पहले से मौजूद है। जिसमें से एक रोबोटिक मशीन मुख्य अस्पताल व दूसरी मशीन आर्थोपेटिक विभाग की ओटी में लगी है। सर्जिकल ब्लाक में अभी रोबोटिक मशीन नहीं है। इस वजह से जनरल सर्जरी विभाग से संबंधित मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल पाती है।

डॉ. वीके बंसल ने बताया कि रोबोटिक मशीन से सर्जरी ज्यादा सटीक होती है। जटिल सर्जरी भी बगैर बड़े चीरा लगाए छोटे-छोटे छेद कर रोबोटिक मशीन से हो जाती है। इससे मरीज जल्दी ठीक होकर अपने काम पर लौट पाते हैं।

अमेरिका की कंपनी मुफ्त देगी रोबोटिक मशीन

एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास अमेरिका की एक कंपनी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया। इसके तहत अमेरिकी कंपनी रोबोटिक सर्जरी के प्रशिक्षण के लिए एम्स को करीब 16 करोड़ की रोबोटिक मशीन मुफ्त देगी। इससे संस्थान में एम्स दा विंची रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी प्रशिक्षण केंद्र शुरू होगा।

एम्स में रोबोटिक सर्जरी के प्रशिक्षण के लिए दो अन्य कंपनियों की मशीनें पहले से मौजूद हैं, जिसमें एक स्वदेशी तकनीक की मशीन भी शामिल है। डॉ. वीके बंसल ने बताया कि नई मशीन डेढ़ महीने में आ जाएगी। तब एम्स में रोबोटिक सर्जरी के प्रशिक्षण के लिए दुनिया भर में मौजूद तीनों रोबोटिक प्लेटफार्म एम्स में उपलब्ध हो जाएगी।

डॉक्टरों को विदेश जाने की नहीं पड़ेगी जरूरत

बताया कि इससे डॉक्टरों को रोबोटिक सर्जरी की प्रशिक्षण के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। निजी अस्पतालों के डॉक्टर व दूसरे देशों के डॉक्टर भी यहां प्रशिक्षण ले सकेंगे। नर्सिंग व पैरामेडिकल कर्मचारी भी प्रशिक्षित किए जा सकेंगे। एम्स में अब तक 200 डाक्टर रोबोटिक सर्जरी के लिए प्रशिक्षित किए जा चुके हैं।

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रोबोटिक सर्जरी के प्रशिक्षित डॉक्टरों की संख्या बढ़ने से गायनी जरनल सर्जरी, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, ईएनटी सहित सभी विभागों में रोबोटिक सर्जरी हो सकेगी। आगे चलकर मातृ एवं शिशु ब्लाक में भी रोबोटिक मशीन लग सकेगी। इससे आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिल सकेगी।

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