Delhi AIIMS में कितने बेड खाली और कितने मरीज लाइन में खड़े? मिलेगी पूरी जानकारी; एम्स ने शुरू किया डैशबोर्ड
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में खाली बेड की सही जानकारी मिल जाया करेगी। पोर्टल पर संस्थान की इमरजेंसी में इलाज के लिए पांच बेड खाली हैं लेकिन इलाज के लिए पहुंचे 162 मरीज बेड के लिए बाहर इंतजार कर रहे हैं।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में खाली बेड की सही जानकारी मिल जाया करेगी। पोर्टल पर संस्थान की इमरजेंसी में इलाज के लिए पांच बेड खाली हैं, लेकिन इलाज के लिए पहुंचे 162 मरीज बेड के लिए बाहर इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, अब एम्स की इमरजेंसी में खाली बेड और प्रतीक्षारत मरीजों की संख्या कितनी है, इसकी जानकारी पाना आसान हो गया है।
शनिवार को एम्स निदेशक डा. एम. श्रीनिवास द्वारा जारी "एम्स मेन हास्पिटल कैजुअलिटी डैशबोर्ड" पोर्टल यह जानकारी उपलब्ध कराएगी। इसलिए अब मरीज एम्स पहुंचने से पहले आनलाइन देख सकेंगे कि इमरजेंसी में कितने बेड खाली हैं।
सभी सरकारी अस्पतालों में यह व्यवस्था शुरू करने की तैयारी
एम्स की पहल पर राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों में यह व्यवस्था शुरू करने की तैयारी है, ताकि गंभीर मरीजों को आपात स्थिति में इलाज के लिए भटकना न पड़े। एम्स निदेशक ने शनिवार को राजधानी के 15 अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों के साथ बैठक कर इस पोर्टल को प्रदर्शित किया, ताकि इसे सभी सरकारी अस्पतालों में लागू किया जा सके।
एम्स और सरकारी अस्पतालों के बीच बेहतर होगा तालमेल
बैठक में सरकारी अस्पतालों के बीच बेहतर तालमेल और रेफरल व्यवस्था बनाने पर भी चर्चा हुई। इसमें केंद्र सरकार के सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज से जुड़े दोनों अस्पतालों के अलावा दिल्ली सरकार के लोकनायक सहित 10 अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक शामिल हुए।
बैठक में यह तय हुआ कि सभी अस्पतालों में 24 घंटे नोडल अधिकारी तैनात रहेंगे। वे मरीज को किसी अस्पताल में स्थानांतरित करने से पहले संबंधित अस्पताल के नोडल अधिकारी से बात करेंगे।
बड़े से छोटे अस्पतालों में स्थानांतरित होंगे स्थिर मरीज
बैठक में डा. श्रीनिवास ने सरकारी अस्पतालों के बीच दो स्तरों पर मरीजों के स्थानांतरण की व्यवस्था लागू करने की जरूरत बताई। इसके तहत जरूरतमंद गंभीर मरीज एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, जीबी पंत जैसे बड़े अस्पतालों में स्थानांतरित किए जा सकते हैं, जबकि एम्स सहित बड़े अस्पतालों से स्थिर मरीज छोटे अस्पतालों में स्थानांतरित किए जाएंगे। इससे गंभीर मरीजों के लिए बेड की दिक्कत नहीं होगी। अभी तक ऐसी व्यवस्था दिल्ली के अस्पतालों में नहीं है।
मरीज की हालत पर नजर रख सकेंगे डाक्टर
एम्स निदेशक ने मरीज पर नजर रखने वाले सिस्टम को भी प्रदर्शित किया। इसके तहत डाक्टर मरीज की मौजूदा हालत की जानकारी ले सकेंगे और उन्हें पता चल सकेगा कि मरीज की कौन सी जांच हो गई और कितनी जांच बाकी हैं। यह इलाज में बेहद फायदेमंद होगा। इसके अलावा इमरजेंसी में इलाज कराने वाले मरीजों के स्वजन वीडियो काल के जरिये उनका हाल सकेंगे।
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दूसरे अस्पतालों को प्रशिक्षित करेगा एम्स
एम्स के डाक्टर दूसरे अस्पतालों को यह व्यवस्था लागू करने के लिए प्रशिक्षित करेंगे। सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. बीएल शेरवाल ने कहा कि यह व्यवस्था लागू होने से सरकारी अस्पतालों के बीच बेहतर नेटवर्क विकसित होगा। सफदरजंग अस्पताल में 500 बेड का सबसे बड़ा इमरजेंसी सेंटर है। इससे दिल्ली-एनसीआर से मरीज स्थानांतरित कर लाए जाते हैं।
जारी हो सकता है एप
आगे चलकर एक मोबाइल एप जारी हो सकता है जिस पर सभी सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में खाली बेड की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।