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Sharda Sinha Death: दिल्ली AIIMS ने बताई शारदा सिन्हा के निधन की वजह, पटना में होगा लोक गायिका का अंतिम संस्कार

Sharda Sinha Passes Away छठ महापर्व शुरू होने के पहले दिन पद्म भूषण से सम्मानित लोक गायिका व बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का मंगलवार रात एम्स में निधन हो गया। वह 72 वर्ष की थीं और पिछले करीब छह वर्षों से ब्लड कैंसर की बीमारी से पीड़ित थीं। रात 920 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को बुधवार सुबह की फ्लाइट से पटना ले जाया जाएगा।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 06 Nov 2024 08:00 AM (IST)
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लोक गायिका व बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का मंगलवार को निधन हो गया। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Sharda Sinha Passes Away बिहार कोकिला के नाम से प्रसिद्ध पद्म भूषण से सम्मानित लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की उम्र में मंगलवार रात 9:20 बजे एम्स में निधन हो गया। वह छह वर्षों से ब्लड कैंसर से पीड़ित थीं और तबीयत बिगड़ने पर 26 अक्टूबर को उन्हें एम्स में कैंसर सेंटर के मेडिकल आंकोलोजी वार्ड में भर्ती कराया गया था।

क्या है शारदा सिन्हा के निधन की वजह?

हालत में सुधार होने पर उन्हें वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन सोमवार देर शाम तबीयत फिर बिगड़ गई और दोबारा आइसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। एम्स ने बयान जारी कर कहा है कि रेफ्रेक्टरी शॉक व सेप्टिसीमिया के कारण उनका निधन हुआ। बुधवार को उनका पार्थिव शरीर विमान से पटना ले जाया जाएगा। वहीं उनका अंतिम संस्कार होगा।

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हर तरफ बज रहे शारदा सिन्हा के गीत

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम्स निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास से फोन पर बातचीत कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। नहाय खाय के साथ मंगलवार को छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है और छठी मईया की महिमा बखान करते शारदा सिन्हा के गाए गीत चहुंओर बज रहे हैं।

ऐसे समय में उनके निधन की खबर ने लोगों को व्यथित कर दिया है। हाल ही में उनके पति का निधन हुआ था।बिहार के सुपौल जिले के हुलास में एक अक्टूबर, 1952 को जन्मी शारदा सिन्हा की ससुराल बेगूसराय जिले के सिहमा गांव में थी। उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में भी गाने गाए, लेकिन पहचान भोजपुरी व मैथिली लोक गायिका के रूप में अधिक थी। उन्हें सांस्कृतिक राजदूत भी कहा जाता है।

मनोज तिवारी ने जताया दुख

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने शारदा सिन्हा के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा, "छठी मैया और भक्ति संगीत के माध्यम से भोजपुरी की मिठास को देश- दुनिया में पहुंचाने वाली बड़ी बहन शारदा दीदी जी के अंतिम दर्शन आज एम्स दिल्ली में किए, दीदी शारदा का निधन भोजपुरी जगत और देश के लिए अपूरणीय क्षति है।"

बेहद लोकप्रिय हैं बिहार कोकिला के छठ गीत

बिहार कोकिला शारदा सिन्हा के छठ गीत बेहद लोकप्रिय हैं। 1974 में उन्होंने पहली बार भोजपुरी गीत गाया। 1978 में उनका छठ गीत ‘उग हो सुरुज देव’ रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद शारदा सिन्हा का नाम घर-घर में प्रसिद्ध हो गया। एक दिन पहले ही उनके गाए छठ गीत ‘दुखवा मिटाईं छठी मईया’ का वीडियो जारी हुआ था।

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