Delhi Pollution: इस बार नवंबर में 2022 से भी ज्यादा प्रदूषण, मुंडका और न्यू मोती बाग रहा दिल्ली का सबसे प्रदूषित स्थान
वर्ष 2022 की तुलना में इस बार नवंबर में वायु प्रदूषण कहीं ज्यादा है। विश्लेषण के अनुसार वाहनों उद्योग बिजली संयंत्रों अपशिष्ट जलाने निर्माण और धूल स्रोतों से उत्सर्जन में कटौती के लिए स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर एक बड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। मुंडका और न्यू मोती बाग दिल्ली के सबसे प्रदूषित स्थान हैं। दिल्ली के अधिकांश आधिकारिक हाट स्पाट प्रदूषण के गंभीर स्तर को पार कर रहे हैं।
By sanjeev GuptaEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Fri, 10 Nov 2023 12:14 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वर्ष 2022 की तुलना में इस बार नवंबर में वायु प्रदूषण कहीं ज्यादा है। गत पांच वर्ष के आंकड़े बताते हैं कि आमतौर पर अक्टूबर की शुरुआत से पीएम 2.5 का स्तर बढ़ना शुरू होता है, लेकिन इस साल स्थिति में कुछ परिवर्तन देखने में आया। सितंबर के मध्य से ही पीएम 2.5 के स्तर में वृद्धि शुरू हो गई थी।
क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता
सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को लेकर किए गए एक विस्तृत विश्लेषण से आया सामने आया है कि प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों और पराली जलाने की घटनाओं ने प्रदूषण को और भी खतरनाक बना दिया। विश्लेषण के अनुसार, वाहनों, उद्योग, बिजली संयंत्रों, अपशिष्ट जलाने, निर्माण और धूल स्रोतों से उत्सर्जन में कटौती के लिए स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर एक बड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
दिल्ली सरकार इन्हीं कारकों पर लगातार सुधार का दावा तो कर रही है, लेकिन यही प्रदूषण में इजाफे का कारण बन रहे हैं। विश्लेषण में कहा गया है कि नवंबर की शुरुआत में एक ही दिन के भीतर दिल्ली-एनसीआर में पीएम 2.5 का स्तर आश्चर्यजनक तरीके से 68 प्रतिशत तक बढ़ गया। यह अति गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
यही नहीं, पिछले साल के मुकाबले इस साल अक्टूबर के पहले हफ्ते में भी दिल्ली में एनओटू भी औसतन 60 प्रतिशत बढ़ गया। तमाम कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन के बावजूद हाटस्पाट अभी भी सबसे अधिक प्रदूषित बने हुए हैं। 2018 में पहचाने गए लगभग 13 हाटस्पाट में से 10 अभी भी एक चुनौती हैं, जबकि नए हाटस्पाट भी उभर रहे हैं और तेजी से बढ़ रहे हैं।
दिल्ली के सबसे प्रदूषित स्थान
मुंडका और न्यू मोती बाग दिल्ली के सबसे प्रदूषित स्थान हैं। दिल्ली के अधिकांश आधिकारिक हाट स्पाट प्रदूषण के गंभीर स्तर को पार कर रहे हैं। वहीं, कई गैर-हाटस्पाट में प्रदूषण का स्तर अधिक दिख रहा है। जैसे न्यू मोती बाग, नेहरू नगर, सोनिया विहार और डीयू नार्थ कैंपस। वहीं एनसीआर में ग्रेटर नोएडा, नोएडा सेक्टर 62, लोनी और फरीदाबाद एनसीआर में सबसे प्रदूषित स्थान हैं।दिल्ली में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर भी बढ़ रहा है। यह बड़े पैमाने पर वाहनों से आता है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का प्रदूषण दिल्ली के नेहरू नगर और सिरी फोर्ट सबसे अधिक रिकार्ड किया गया है। वहीं यह प्रदूषण नोएडा सेक्टर 125 और सेक्टर एक एवं गाजियाबाद के संजय नगर और इंदिरापुरम में सबसे अधिक दर्ज किया गया है।
सीएसई के मुताबिक इन तमाम प्रदूषणों से निपटने के लिए सरकार की ओर से केवल आपातकालीन कार्रवाई ही पर्याप्त नहीं होगी, बल्कि इसे खत्म करने के लिए एक नियोजित कार्यक्रम और इसके बुनियादी ढांचे पर कार्रवाई की जरूरत है।यह भी पढ़ें- Delhi Traffic Advisory: दीपावली-धनतेरस पर प्रभावित रहेगा दिल्ली के कई इलाकों में ट्रैफिक, जानिए पुलिस की एडवाइजरी
सीएसई की कार्यकारी निदेशक अनुमिता राय चौधरी ने कहा, इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य का खतरा और बढ़ गया है। यह प्रदूषण दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वाहनों, उद्योग, ऊर्जा प्रणालियों व अपशिष्ट प्रबंधन पर अब तक की सबसे कठोर कार्रवाई की जरूरत है। पिछले कुछ वर्षों में परिवहन और उद्योग क्षेत्रों में ईंधन और प्रौद्योगिकी को साफ करने और धूल स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए गए हैं, लेकिन अभी भी बड़े पैमाने पर कार्रवाई की आवश्यकता है।
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